शराब के पैसे न देने पर रोका बस का रास्ता, ड्रायवर व क्लीनर को पीटा

शिवपुरी/कोलारस। जिले के कोलारस क्षेत्र में प्रतिदिन शिवपुरी से अकाझिरी चलने वाली बस का रास्ता रन्नौद थाना क्षेत्रांतर्गत  आज कुछ शराबी तत्व के आदिवासियों ने रोका और जबरन शराब के लिए पैसे मांगे और ना देने पर बस के क्लीनर व ड्रायवर की लाठी व कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला बोल दिया और उन्हें लहुलुहान कर मौके से फरार हो गए। घटना की जानकारी पुलिस थाना रन्नौद को मिली तो वह मौके पर पहुंचे और घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें उपचार के लिए शिवपुरी जिला चिकित्सालय रैफर कर दिया।


जहां इनका उपचार जारी है। लेकिन पुलिस ने इस मामले में इन आदिवासियों के विरूद्ध जो धाराऐं पंजीबद्ध की है वह कई सवालों को जन्म देती है। पुलिस ने आरोपीगणों के विरूद्ध महज धारा 323, 504 के तहत मामला पंजीबद्ध किया जबकि यह घातक हमला था और इसमें कई गंभीर धाराऐं लगनी थी लेकिन रन्नौद पुलिस की कार्यप्रणाली समझ से परे है।

हमारे कोलास संवाददाता द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि प्रतिदिन शिवपुरी से अकाझिरी के लिए रावत ट्रेवल्स की बस का नियमित संचालन होता है आए दिन रास्ते भर में होने वाली छोटी मोटी घटनाओं को तो बस के चालक और क्लीनर स्वयं ही अपने प्रयासों से वहीं खत्म कर देते है। लेकिन बीत 20 अगस्त को तो हद ही हो गई जब रावत ट्रेवल्स की बस प्रतिदिन की भांति शिवपुरी से अकाझिरी जा रही थी कि तभी रन्नौद थाना क्षेत्र के एक ग्राम के नजदीक बस को कुछ शराबी आदिवासियों ने रोका और बस के ड्रायवर को जबरन बस से नीचे खींच लिया वहीं बचाव करने आए क्लीनर को भी इन आदिवासियों ने दूर रहने की नसीहत दी और इन दोनों ड्रायवर व क्लीनर से शराब के लिए अवैध रूपयों की मांग की। 

जिस पर ना देने पर यहां बस के चालक फरियादी आजाद खां पुत्र ईदा खान उम्र 50 वर्ष निवासी संजय कॉलोनी शिवपुरी के साथ आरोपीगणी जगन्नाथ आदिवासी, प्राण सिंह आदिवासी, नन्हें आदिवासी, भगौरा अज्ञात आदिवासी ने मिलकर इन दोनों बस चालक व क्लीनर की जमकर कुल्हाड़ी व लाठियों से मारपीट कर दी। मारपीट की घटना के बाद जैसे ही रन्नौद पुलिस मौके पर पहुंची तो तुरंत घायलों को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। पुलिस ने इस मामले में फरियादी की रिपोर्ट पर केवल धारा 323,504 की धाराओं के तहत पंजीबद्ध किया जबकि यह एक घातक हमला था ऐसे में कई गंभीर धाराओं को पुलिस को लगाना थी लेकिन इस तरह की छोटी सी धारा लगाकर पुलिस ने अपनी कार्यप्रणाली को उजागर किया है। वहीं अपराधी अपनी वारदात को अंजाम करने के बाद  खुले में घूम रहे है। पुलिस अधीक्षक को चाहिए कि वह इस मामले में शीघ्र न्यायोचित कार्यवाही करें और अपने कर्तव्य के विपरीत कार्य करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करें।