खुलकर सामने आई राठौर समाज की राजनीति, राठौर नहीं रघुवंशी बने चीफ गेस्ट

शिवपुरी-राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जयंती समारोह में राठौर समाज दो फाड़ हो गया। राठौर समाज के एक धड़े जिसके जिलाध्यक्ष भाजपा नेता और विधायक राठौर के कट्टर विरोधी माणिकचंद राठौर हैं ने पोहरी वायपास स्थित राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा स्थल के नजदीक आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी को आमंत्रित किया।

समाज के विधायक माखनलाल राठौर को अतिथि बनाना तो दूर उन्हें आमंत्रित ही नहीं किया गया और वक्ताओं ने विधायक राठौर पर तीखे प्रहार किए। उन पर समाज हित में कोई कार्य न करने का आरोप तो लगाया गया ही, साथ ही कहा गया कि उन्होंने अपनी राजनीति के कारण राठौर समाज की एकता को छिन्न-भिन्न कर दिया है। अतिथि सेवानिवृत्त उप पुलिस अधीक्षक और समाजसेवी रामनारायण लहरी ने तो यहां तक कह दिया कि राठौर समाज के विधायक माखनलाल नहीं, बल्कि वीरेन्द्र रघुवंशी हैं। श्री रघुवंशी ने भी इस अवसर पर राठौर समाज का दिल जीतने का पूरा प्रयास किया। उन्होंने मंच से घोषणा की कि राष्ट्रवीर दुर्गादास प्रतिमा को ताम्रपत्र से वे या तो सांसद निधि से मढ़वाएंगे अथवा स्वयं इसके व्यय को वहन करेंगे।

राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जयंती सामाजिक फूट के कारण दो धड़ों द्वारा अलग-अलग मनाई जा रही है। विधायक समर्थक धड़े जिसके जिलाध्यक्ष हरिओम राठौर हैं, उक्त जयंती को विधायक माखनलाल राठौर के मुख्य आतिथ्य में शाम छह बजे मना रही है, लेकिन इसके पूर्व ही विधायक विरोधी धड़े ने वायपास पर गरिमापूर्ण ढंग से जयंती मनाकर विधायक राठौर के समक्ष मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। इस समारोह में राष्ट्रवीर दुर्गादास की महिमा से ज्यादा विधायक की कथित बुराईयों का उल्लेख किया गया।

समाजसेवी रामनारायण लहरी, केजी राठौर और माणिकचंद राठौर ने उनकी कार्यप्रणाली पर तीखे हमले बोले और कहा कि समाज ने उन्हें एक बार नपाध्यक्ष और दूसरी बार विधायक बनाया, लेकिन उन्होंने समाज हित में कुछ नहीं किया। श्री राठौर ने तो यहां तक कहा कि हमें संस्कारित लोगों को ही जिताना चाहिए। इस बात को मुख्य अतिथि वीरेन्द्र रघुवंशी ने आगे बढ़ाया और कहा कि हमें अच्छे लोगों को राजनीति में आगे बढ़ाना चाहिए ताकि वे सभी समाजों को साथ लेकर विकास और प्रगति के पथ पर आगे बढ़ें।

उन्होंने कहा कि आज मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि आपने मेरी कार्यप्रणाली को सराहा है इससे मुझे प्रोत्साहन मिला है और मैं अपनी पूरी ताकत से अपनी कार्यशैली में और सुधार लाऊंगा तथा आपके दिल को जीतूंगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुन्नालाल राठौर ने की। समारोह में समाज के मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन राकेश राठौर ने किया। समारोह में दामोदर राठौर, राकेश राठौर, मिन्टूराम, विष्णुप्रसाद, मनकूराम, लालाराम, दयाराम, रामकिशन सहित बड़ी संख्या में स्त्री, पुरुष और बच्चे उपस्थित थे।

प्रतिमा की रेलिंग भी ठीक नहीं करा पाए विधायक


कार्यक्रम में केजी राठौर ने जहां विधायक पर राष्ट्रवीर की प्रतिमा को ताम्रपत्र से न मढ़वाने का आरोप लगाया वहीं जिलाध्यक्ष माणिकचंद राठौर ने कहा कि वह तो प्रतिमा की टूटी रेलिंग को भी ठीक नहीं करा पाए। बकौल माणिकचंद जिनके मन में हमारे पूर्वजों के प्रति सम्मान नहीं है उन्हें समाज का नेतृत्व करने का कोई हक नहीं है।

राष्ट्रीय त्यौहार भी उत्साह के साथ मनाए जाएं


राठौर समाज के पदाधिकारी केजी राठौर ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि सामाजिक त्यौहार तो हम पूर्ण उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं, लेकिन राष्ट्रीय त्यौहारों 15 अगस्त और 26 जनवरी के प्रति हमारे मन में कोई ललक नहीं रहती है। इन त्यौहारों पर हम अपने बच्चों को न तो नए कपड़े पहनाते हैं और न ही उन्हें मिठाई खिलाते हैं ऐसे में नई पीढ़ी में राष्ट्र के प्रति श्रद्धा कैसे उत्पन्न होगी। श्री राठौर ने कहा कि हम संकल्प लें कि राष्ट्रीय त्यौहारों को भी पूर्ण उत्साह के साथ मनाएंगे।

समाज की एकता सबसे पहली जरुरत: हरिओम


कार्यक्रम में मौजूद भाजपा नगर महामंत्री हरिओम राठौर बहुत दुखी नजर आ रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं यहां आया हूं और शाम को भी दूसरे धड़े द्वारा आयोजित समारोह में जाऊंगा, लेकिन समाज की फूटन से मैं बहुत ग्लानि महसूस कर रहा हूं। मतभेद भले ही हममें हों, लेकिन सामाजिक स्तर पर मतभेद नहीं होना चाहिए इससे राठौर समाज की एकता प्रभावित होती है और अन्य समाज उपहास उड़ाते हैं। आजतक राठौर समाज ने एकता के बलबूते ही उपलब्धि पाई है और हम क्यों निहित स्वार्थों में कैद होकर अपनी एकता को छिन्न-भिन्न कर रहे हैं।