महिला बाल विकास अधिकारीविहीन होने से जटिलताऐं बढ़ी

शिवपुरी/बदरवास। जिले के बदरवास क्षेत्र में इन दिनों महिला बाल विकास विभाग में अलाली का आलम व्याप्त है। यहां परियोजना अधिकारी ना होने से जो हालात उत्पन्न हो रहे है उससे ना केवल योजनाओं का मटियामेट हो रहा है बल्कि अवैध वसूली की चर्चा भी अब सुनाई देने लगी है।


शासकीय योजनाओं का लाभ पाने वाले हितग्राही इस विभाग की ओर मुंह ताकते ही रह जाते है लेकिन मजाल है कि विभाग का कोई अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारी यहां की योजनाओं का लाभ दिला दें। कुल मिलाकर बदरवास में महिला बाल विकास विभाग में परियोजना अधिकारी के खाली पद को देखते हुए यहां अव्यवस्थाओं ने अपना डेरा जमा लिया है।

शासन की अति महत्वाकंाक्षी योजना पोषण आहार के वितरण में भी यहां जमकर धांधली की जा रही है। बदरवास में महिला बाल विकास विभाग में एक तरह से बाबूराज कायम हो गया है यहां बीते दो साल से परियोजना अधिकारी का पद रिक्त पड़ा हुआ है जिससे परियोजना अधिकारी ना होने के कारण यहां के बाबू कमीशन व योजनाओं को मटियामेट करने में लगे हुए है।

समय पर बंटने वाला पोषण आहार आज समय पर नहीं बंट पा रहा तो वहीं आंगनबाड़ी केन्द्रों से सुपरवाईजर अवैध वसूली करने से भी नहीं चूक रही है ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विरोध भी करना हो तो भी वह नहीं कर पाती है वहीं शासन की महत्वपूर्ण योजना मंगल दिवस, गोद भराई, गर्भवती महिलाओं को समय पर टीके, गर्भावस्ता की समुचित जानकारी देने के लिए भी यहां कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे हालातो में बदरवास में महिला बाल विकास विभाग में अराजकता के हालात निर्मित हो रहे है यदि समय पर यहां व्यवस्थाऐं दुरूस्त नहीं की गई तो यहां विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

जिला प्रशासन को चाहिए कि महिला बाल विकास विभाग बदरवास में व्याप्त अनियमितताओं पर आकस्मिक औचक कार्यवाही करते हुए यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाए तो सब साफ हो जाएगा। वहीं वर्तमान में बाबू भागीरथ जाटव यहां पदस्थ है जो आए दिन बाल न्यायालय शिवपुरी में भी कार्यरत होने से परेशान है जहां दो-दो पदभार को संभालना उन्हें भारी पड़ रहा है। ऐसे में ब्लॉक बदरवास में शीघ्र परियोजना अधिकारी पदस्थ हो तो भागीरथ के कंधों का भी बोझ कुछ कम हो सकेगा।