बेटी के बलात्कारियों को जमानत दिलाने निकली माँ

ललित मुदगल
अपनी बेटियों पर बुरी नजर डालने वालों की आंखें फोड़ देने वाली माताओं की कथाएं तो आपने बहुत सुनी होंगी, आज हम आपको सुना रहे हैं एक ऐसी माँ की कहानी जो जेल में बंद अपनी बेटी के बलात्कारियों को बचाने निकली है। जी हां, अपनी बेटी के बलात्कारियों की जमानत कराने निकली है। अब वो किसी लालच में आकर ऐसा कर रही है या दबाव में ये तो वही जाने, लेकिन माताओं के इतिहास पर कलंक लगाता यह फलसफा लिखना पड़ रहा है।

मामला खनियाधाना का है तारीख थी 10 मई 2012, एक नवविवाहिता भारती अपने मायके में आई हुई थी, माँ मजदूरी के लिए चंदेरी गई हुई थी। भारती शाम करीब 7 बजे को दूध लेने के लिए बाजार गई। जब लौट रही थी तो गांव के कुछ युवकों ने उसे रोका, जबरन अपने साथ ले गए, एक कमरे में बंद किया और सामूहिक बलात्कार किया।
भारती ने बड़ी मुश्किल से उनके चंगुल से बचकर वापस घर लौट पाई। दो दिन बाद दिनांक 12 मई 2012 को माँ वापस लौटकर खनियाधाना आई तब बेटी भारती ने उसे घटना की जानकारी दी। 13 तारीख की सुबह माँ केशरबाई ने अपनी बेटी भारती को साथ लिया और पुलिस थाने जाकर आरोपी युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तत्काल प्रकरण दर्ज किया और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर इन्वेस्टिगेशन के बाद सजादेही के लिए माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। आरोपी आज दिनांक 23 अगस्त 2012 को जेल में हैं।
कहानी में यहां तक सबकुछ ठीक है, पुलिस ने संवेदनशीलता दिखाई, तुरंत कार्रवाई की, आरोपी जेल में है। न्यायालय में सुनवाई चल रही है। एक माँ की कोशिश होनी चाहिए कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, लेकिन आज दिनांक 23 अगस्त 2012 को माँ केशरबाई ने अचानक मामले को एक ऐसा मोड़ दे दिया, जिसे सुनकर सभी भौंचक्क रह गए।
केशरबाई ने अखबारों के दफ्तरों में एक शपथपत्र की फोटोकॉपी बांटी, जिसमें लिखा है कि जेल में बंद कुल 6 आरोपियों में से 2 आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई ही नहीं थी, पुलिस ने उन्हें बिना कारण के गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें जमानत मिलने पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है।

इस मामले में बहुत से सवाल हैं, परंतु उससे पहले पढि़ए वो शपथ पत्र जो केशर बाई ने अखबार के दफ्तरों में बांटा:-

शपथ पत्र
नाम शपतथकर्ता    :- श्रीमती केशर बाई केवट
पति का नाम         :-कंचन लाल केवट
आयु             :-35 साल, जाति-केवट
पेशा             :-मजदूरी
निवासी        :- टेकरी सरकार के पास खनियाधाना थाना व तहसील खनियाधाना जिला शिवपुरी म.प्र.

मैं शपथपूर्वक निम्न कथन करती हॅंू कि :-

1.    यह कि श्रीमती भारती पुत्री कंचन पत्नि रामसिंह केवट निवासी ग्राम पिपरौदा उबारी हाल टेकरी सरकार के पास खनियाधाना मेरी पुत्री है जो विवाहित है।

2.    यह कि दिनांक 10.05.12 को मुनउबेरा चन्देरी मजदूरी से पूड़ी बेलने गई थी दिनांक 12.5.12 की रात उसके साथ हुए बलात्कार की घटना में मुझे आकाश पुत्र प्रकाश साहू एवं राकेश पुत्र कल्लू केवट निवासी खनियाधाना के नाम नहीं बताये थे मैं भारती के साथ थाना खनियाधाना गयी थी वहां भारती ने भी रिपोर्ट लिखाते समय आकाश एवं राकेश के नाम बलात्कार एवं किसी भी घटना के बारे में नहीं बताये थे।

3.    यह कि मैंने एवं भारती ने या अन्य किसी को भी उस रात कमरे में बंद कर बलात्कार करने वालों के आकाश अथवा राकेश के नाम नहीं बताये थे।

4.    यह कि उक्त दोनों लड़कों ने मेरी पुत्री के साथ कोई भी घटना घटित नहीं की। मेरी पुत्री के बलात्कार के प्रकरण में इनके जेल में होने की जानकारी मिलने पर मैंने यह शपथपत्र अपनी पुत्री के साथ आकर पंजीबद्ध करा रही हॅंूॅ, जिससे निर्दोष जेल में ना रहे।

5.    यह कि इन दोनों को जमानत पर छोड़े जाने में मुझे व मेरी पुत्री को कोई आपत्ति नहीं है। यह शपथपत्र मैंने बिना किसी धौंस दबाब के पंजीबद्ध करा दिया। वक्त पर काम आवे।

दिनांक 17.07.2012
सत्यापन
मैं शपथकर्ता शपथपूर्वक सत्यापित करती हॅंू कि उक्त शपथपत्र की कलम नं.5 मेरे स्वयं के विश्वास से सत्य है।
हस्ताक्षर शपथकर्ता
केशव केवट

अब पढि़ए एफआईआर में दर्ज घटना का वर्णन :-


मैं भारती केवट उम्र 15 वर्ष, पिपरौदाउबारी में बियाही हॅं, मैं छ: माह से खनियाधाना में रह रही हॅंू, दिनांक 10.5.2012 को खनियाधाना में स्थित राजू कोली की दुकान पर दूध लेेन गई थी। मैंने 10 रूपये का दूध पन्नी में लेकर घर जा रही थी, शाम को 7:00 बजे हल्का अंधेरा हो रहा था जैसे ही मंै प्रभु की चक्की के पास पहुंची, वहां पर महेन्द्र केवट अपने दोस्तां के साथ मिला और मुझसे बोला कि कल्ला के कमरे पर चल, तुझसे कोई बात करना है।

मैंने मना किया तो महेन्द्र बोला, सीधे-सीधे चल, नहीं तो जान से मार डालूंगा, वह मुझे पकड़कर कल्ला के घर ले गया वहां पर महेन्द्र के दोस्त अवधेश, कल्ला, राकेश, आकाश साहू, पैनी साहू, भी आ गए, उन्होंने अंदर से किबाड़ बंद कर मुझे पटक दिया। सबसे पहले आकाश साहू ने मेरे साथ बलात्कार किया। उसके बाद राकेश केवट, पैनी साहू, अवधेश, महेन्द्र, कल्ला उर्फ कमलेश ने बारी-बारी से मेरे साथ बलात्कार किया।

इन सभी ने मेरे साथ दो-दो बार बलात्कार किया। रात में ये बलात्कार करके सो गए, सुबह 4 मैं मौका पाकर कमरे की कुंदी खोलकर अपने घर आ गई। मैंने अपनी बड़ी बहिन राजकुमारी को पूरा हाल बताया, मेरी मॉं केशर केवट चंदेरी में पूड़ी बेलने गई थी जब वापिस आई तो आज दिनांक 13.5.2012 को मैं रिपोर्ट लिखाने खनियाधाना आई हूॅं।

क्या कहते हैं थानाप्रभारी


फरियादी ने घटना 10.05.2012 को होना बताई है फरियादी, फरियादी की बड़ी बहिन और माँ 13.5.2012 को थाने आई थी और घटना की जानकारी देते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है। फरियादी ने ही छ: व्यक्तियों को आरोपी चिह्नित किया है अब ये कैसा शपथपत्र प्रेस को बांट रही है इसमें मैं कुछ नहीं कह सकता।

कैलाश बाबू आर्य

एस.ओ. खनियाधाना

अब शुरू होते हैं अपने सवाल


1. एफआईआर 13 मई को दर्ज कराई गई। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन किया। फरियादी और गवाहों के बयान लिए। आरोपियों की गिरफ्तारी की और सजादेही के लिए न्यायालय में पेश किया। इसके साथ ही मामला फरियादी विरुद्ध आरोपी से बदलकर मध्यप्रदेश शासन विरुद्ध आरोपी हो गया। हम याद दिला दें कि न्यायालय में जब पुलिस चालान पेश करती है तो पार्टी फरियादी नहीं होता बल्कि मध्यप्रदेश शासन होता है।
अब जब पार्टी मध्यप्रदेश शासन है तो ये केशरबाई कौन होती है बीच में आकर मामले का रुख बदलने की कोशिश करने वाली..?
2. सवाल सिर्फ यही नहीं है, सवाल यह भी है कि इस मजदूर महिला को यह सलाह किसने दी कि वो इस तरह के शपथपत्र बांटकर न्यायालयीन कार्यवाही को प्रभावित करने का प्रयास करे। यहां मास्टर माइंड की तलाश भी जरूरी है।
3. एफआईआर में फरियादी वह युवती है जिसके साथ गैंगरेप हुआ और वो वयस्क है तो फिर उसकी माँ को किस कानून के तहत यह अधिकार मिला कि वो ऐसे शपथपत्र प्रस्तुत करे..?
4. इस शपथपत्र के माध्यम से केशरबाई ने पुलिस की इन्वेस्टिगेशन को झूठा एवं फर्जी बताया है। ऐसे में इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर की ओर से इस महिला के खिलाफ पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं संस्थित कर दी जानी चाहिए।
5. इस प्रकार के शपथपत्र बांटकर महिला केशरबाई ने न्यायालय की कार्यवाही को प्रभावित करने का प्रयास किया है अत: सवाल यह भी है कि अब पुलिस इस मामले में महिला एवं मास्टरमाइंड के खिलाफ क्या कार्रवाई संपादित करती है।

सवाल कुछ और भी हैं, जिनके जबाव तलाशे जाने हैं। हम शीघ्र ही आप तक पहुंचाएंगे इस मामले की पूरी हकीकत और बेनकाब करेंगे वो सख्श जो पर्दे के पीछे से कानून को खिलौना समझकर खेलने की कोशिश कर रहा है। यदि यह महिला दबाव में है तो हम उसे दबावमुक्त कराने की अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वाह करेंगे परंतु यदि वह दबाव में नहीं है तो उस पुलिस बल का सहयोग करना हमारा फर्ज बन जाता है जिसने इस मामले की पूरी इन्वेस्टिगेशन कर कार्रवाई की।