प्लीज कलेक्टर महोदय मेरा नं. फोन पर बुक करा दो

शिवपुरी। आखिर भारत देश में स्वतंत्रता का महत्व क्या है इसका महत्व तो वह ही जानता है जिसने आजादी में अपने अधिकारों को जाना है लेकिन लगता है कि यहां स्वतंत्रता का महत्व उन गैस एजेंसियों को शून्य नजर आता है जो अपनी हठधर्मिता के चलते लोगों को प्रतिदिन रोजमर्रा के रूप में प्रयोग किया जाने वाला सिलण्ेडर निश्चित समयावधि में भी नहीं देते।


आखिर इन एलपीजी उपभोक्ताओं का दोष क्या है सही मायने में देखी जाए तो इनकी स्वतंत्रता तो नजर नहीं आती, ऐसे में अब लोग कलेक्टर महोदय से ही अपना नंबर लगाने की गुहार करने लगे है। क्योंकि यहां तो गैस एजेंसी के संचालक अपनी हठधर्मिता और मनमर्जी से बाज नहीं आ रहे है तो वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं की कमर को ही यह गैस एजेंसी संचालक तोडऩे से बाज नहीं आ रहे है। सरेआम नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाने वाले इन गैस एजेंसी संचालकों पर यदि गैस संचालन की निरस्ती कार्यवाही भी की जाए तो भी कम है।

हमने जो नजारा ग्वालियर वायपास पर देखा उससे तो यही जान पड़ता है कि यहां गैस एजेंसी संचालक अपनी मनमर्जी से उपभोक्ताओं को गैस सिलेण्डर वितरित करता है। शहर में यूं तो अब दो ही गैस एजेंसी बची है जिसमें इन देानों ही गैस एजेंसियों पर नियम कानूनों की अनदेखी साफ देखी जा सकती है। ऐसे में भला कैसे कहा जाए कि यहां उपभोक्ताओं को उनकी समस्याओं का निदान मिलेगा बल्कि यहां तो उपभोक्ताओं का शोषण किया जा रहा है।

जो उपभोक्ता अपना सिलेण्डर बुक कराकर जाते है वह भी उन्हें दो बुकिंग निकलने के बाद मिलता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी उपभोक्ताओं की स्थिति को समझते हुए आदेश दिया है कि 21 दिन में गैस सिलेण्डर डिलीवर करने का ना तो कोई नियम है और ना ही ऐसा गैस एजेंसी संचालक के द्वारा किया जाना चाहिए अन्यथा की स्थिति में इस कमी को न्यायालय ने भी उपभोक्ताओं की सेवा में कमी को माना है। लेकिन शिवपुरी में गंगाचाल गैस एजेंसी के हाल बेहाल है यहां न्यायालय की अवमानना तो हो ही रही है साथ ही साथ ही कलेक्टर के आदेश का भी यहां पालन नहीं हो पा रहा है। जब स्वयं कलेक्टर महोदय ने घरेलू गैस सिलेण्डरों को व्यावासायिक रूप में इस्तेमाल करने पर रोक लगा रखी है तो फिर कैसे सिलेण्डरों की कमी शहर में है।

यह बात समझ से परे है जितने उपभोक्ता उतने गैस सिलेण्डर उसके बाद भी कमी का रोना रोना इन गैस एजेंसी संचालकों की आदत सी पड़ गई है। अब इन गैस एजेंसी संचालकों की मनमानी नहीं चलेगी इसके लिए अब राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति ने मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। उपभोक्ताओं से मिल रही शिकायतों को आधार बनाकर राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के जिलाध्यक्ष अशोक सम्राट ने बताया है कि गंगाचाल गैस एजेंसी पर कई उपभोक्ताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है यहां उपभोक्ताओं की समस्या सुनना तो दूर उन्हें उनके हक का गैस सिलेण्डर भी नहीं दिया जा रहा। ऐसे में कई बार विवाद की स्थिति बनी और निर्मित भी हुई लेकिन मामला जैसे-तैसे शांत हुआ, पर अब ऐसा नहीं होगा राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति जब मोर्चा खोलता है तो निश्चित रूप से जनता को जीत और दोषी को दण्ड दिलाना ही प्रमुख उद्देश्य माना जाता है।

सौंपेंगे ज्ञापन, नहीं हुई कार्यवाही तो होगा प्रदर्शन : अशोक सम्राट


प्रेस को जारी विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के जिलाध्यक्ष अशोक सम्राट व उपाध्यक्ष के.के.दुबे ने संयुक्त रूप से बताया कि शहर में गंगाचल गैस एजेंसी द्वारा नियमों को दरकिनार कर उपभोक्ताओं की सेवा में कमी की जा रही है। यहां उपभोक्ताओं को नियमित समयावधि में ना तो गैस सिलेण्डर मिल रहे है बल्कि उपभोक्ताओं की जेबों पर डांका भी डाला जा रहा है।

यहां उपभोक्ताओ को मिलने वाला 456.50 रूपये का गैस सिलेण्डर एजेंसी द्वारा 460 रूपये में प्रदाय किया जा रहा है जबकि  गैस कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओ को एजेंसी से घर तक सिलेण्डर लाने के एवज में 8 रूपये की छूट दी जाती है लेकिन यहां उपभोक्ताओं  बजाए छूट के उल्टी वसूली की जाने लगी है यहां प्रति सिलेण्डर 3.50 अवैध रूप से वसूले जा रहे है।

इस ओर उपभोक्ताओं की सेवा में कमी को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी गैस एजेंसी संचालकों को निर्देशत किया था कि किसी भी रूप में घरेलू गैस सिलेण्डरों का व्यावसायिक उपयोग ना हो।

लेकिन देखने में आ रहा है कि अधिकतर घरेलू गैस सिलेण्डर वाले ही परेशान हो रहे है जिन्हें समय पर सिलेण्डर नहीं मिलता और होटल, ढाबो व गैस चलित ऑटो में अवैध रूप से गैस सिलेण्डरों का प्रयोग किए जाने से इसकी कालाबाजारी भी अधिक बढ़ गई। इस मामले में अब शहर में संचालित गैस एजेंसियों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति  मोर्चा खोलने जा रहा है। इस संदर्भ में 17 अगस्त शुक्रवार को जिला प्रशासन को इन एजेंसियों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु ज्ञापन सौंपा जाएगा।