गोलाकांड मूर्तियां लूट कांड में 9 आरोपी चिन्हित

शिवपुरी। खनियांधाना के गोलाकोट जैन मंदिर से हुई दो पुरातत्व महत्व की बेशकीमती भगवान पाश्र्वनाथ की मूर्तियों की बरामदगी और एक आरोपी रमेशचंद गुप्ता की गिरफ्तारी के पश्चात अब इस लूटकाण्ड में बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि गिरफ्तार आरोपी रमेशचंद गुप्ता ने पुलिस पूछताछ में नौ आरोपियों के नाम उजागर किए हैं जो जयपुर, सवाईमाधौपुर, वारां और मल्हावनी पिछोर के हैं।


आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें विभिन्न शहरों को रवाना हो चुकी हैं और बताया जाता है कि आरोपी नीलेश उर्फ नीलू पुत्र रामदयाल कोरी निवासी मल्हावनी को शिवपुरी में करौंदी के पास पकड़ा गया है। जबकि दूसरे आरोपी सुनील गुप्ता निवासी जयपुर को एएसआई भदौरिया के नेतृत्व में जयपुर गई टीम ने पकड़ा है। मूर्ति लूट में अभी तक जिन आरोपियों के नाम सामने आए हैं वे हैं रमेश गुप्ता निवासी जयपुर, उसका ड्रायवर राकेश मीणा निवासी नारायणपुर, राकेश का ससुर रामरूप मीणा निवासी नयागांव थाना बजीरपुर जिला सवाईमाधौपुर, रामरूप का लड़का मल्लू मीणा, रिंकू शर्मा निवासी वारां, नीलेश उर्फ नीलू कोरी निवासी मल्हावनी, रामस्वरुप मीणा निवासी सवाईमाधौपुर, नरेश मीणा निवासी सवाईमाधौपुर और सुनील गुप्ता निवासी जयपुर।

सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि मूर्ति लूट के गिरोह को राजस्थान के कुछ बड़े राजनैतिक नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त हैं जिनके नाम भी सामने आए हैं। इस सिलसिले में प्रत्यक्ष रुप से कुछ न कहते हुए जोशीले अंदाज में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित सिंह इशारे इशारों में कहते हैं कि पानीपत का चौथा युद्ध मैं लडऩे को तैयार हूं, लेकिन कोई भी आरोपी छूट नहीं पाएगा। उन्होंने बताया कि आरोपियों में से अधिकांश शातिर बदमाश हैं और उनकी हिस्ट्रीशीट खुली हुई है। वे ट्रेन डकैती जैसी संगीन वारदातों को भी अंजाम दे चुके हैं और मध्यप्रदेश तथा राजस्थान के बीच चलने वाली ट्रेनों में डकैती डालते हैं। पुलिस पूछताछ में यह भी स्पष्ट हुआ है कि आरोपियों का अगला निशाना ललितपुर का पावापुरी जैन मंदिर था जिसकी रैकी वह एक अगस्त को कर चुके थे।

विदित हो कि खनियांधाना में आठ अगस्त को टवेरा गाड़ी में आए नौ बदमाशों ने चौकीदार और पुजारी को बंधक बनाकर 23वें तीर्थंकर भगवान पाश्र्वनाथ की दो मूर्तियों को लूट लिया था और उसे वे टवेरा गाड़ी में लादकर ले गए थे। यह पूरा मामला अंधेरे में ही रहता, यदि खनियांधाना पुलिस का एक आरक्षक इंद्रपाल सिंह 2 अगस्त को जब आरोपीगण रैकी के लिए गोलाकोट आए थे उस टवेरा गाड़ी का नम्बर और उसके मालिक का नाम तथा फोन नम्बर नोट नहीं करता।

मूर्ति चोरी जब हो गईं तो आरक्षक ने अपने पास दर्ज सारी सूचनाएं वरिष्ठ अधिकारियों को दे दीं और इससे जयपुर से टवेरा गाड़ी बरामद कर ली गई तथा आरोपी रमेश गुप्ता पकड़ लिया गया। उससे पूछताछ के बाद सवाईमाधौपुर के नयागांव से मूर्तियों को भी बरामद कर लिया गया। गिरफ्तारी के पश्चात पुलिस ने आरोपी रमेश गुप्ता को 25 अगस्त तक के लिए रिमाण्ड पर लिया और रिमाण्ड पर लेने के बाद उसने जहां आठ आरोपियों के नाम उजागर किए वहीं कई सनसनीखेज चांैकाने वाले खुलासे किए।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित सिंह का दावा है कि 25 अगस्त से पूर्व होने वाली पत्रकारवार्ता में वे चिन्हित नौ आरोपियों में से आधे से अधिक को गिरफ्तार कर लेंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या लूट में कुछ रसूखदार नेता शामिल हैं तो उन्होंने कहा कि यदि कोई होगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। इस सिलसिले में पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह ने भी उत्साहित स्वर में कहा कि अब अमित सिंह का जलवा देखने को मिलेगा।