बीएसएनएल की लाखों रूपए की केबिल हो रही बर्बाद

शिवपुरी। एक ओर जहां बीएसएनएल विभाग अपनी व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने की बात कह रहा है तो वहीं बीएसएनएल विभाग द्वारा नियम-कानूनों को ठेंगे पर रखकर जगह-जगह बिछाई गई केबिल सड़क की ऊपरी सतह से महज 6 इंच नीचे जमीन में दबी हुई पाई गई।  स्थानीय ईदगाह झांसी रोड के सामने मड़ीखेड़ा पाईप लाईन के लिए बिछाई जा रही लाईन की जब खुदाई की गई तो पता चला कि यहां तो सरेआम निजी स्वार्थों व विभाग को चूना लगाने का काम किया गया है। जिसके चलते सड़क की सतह से महज 6 इंज नीचे केबिल दबी पाई गई। जबकि इस केबिल को बिछाने के लिए नियम है कि कम से 1 मीटर यानि 3 फिट जमीन के नीचे यह केबिल दबाई जानी चाहिए। यहां नियमों को दरकिनार कर लाखों की केबिल का मनमर्जी अनुरूप सड़क की सतह से बिछाया जाना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के समान प्रतीत हुआ है।



यहां मौके पर निरीक्षण कर रहे बीएसएनएल के ए.जी.एम.पी.के.जैन भी स्वीकार करते है कि बीएसएनएल की लाईनों को लगभग 4 वर्षों से दुरूस्त नहीं किया गया लेकिन यहां बिछाई गई लाईन भी गलत तरीके से बिछाई है जब उनसे पूछा गया कि यहां सड़क की सतह से केबल लगाकर बिछाना नियम के विरूद्ध है और इससे विभाग को भी नुकसान होता है इस बारे में श्री जैन का कहना था कि हम अभी निरीक्षण कर रहे है जांच रहे है और जो केबिल बिछाई है वह लगभग चार वर्ष पुरानी है क्योंकि बीते चार वषेां से यहां केबिलों को खोदा ही नहीं गया फिर भी जहां केबिल टूटी अथवा क्षतिग्रस्त हो गई है तो उसे दुरूस्त करा दिया जाएगा।

लेकिन क्या हर-बार महंगी-महंगी केबिल बिछाकर उसे सड़क की सतह से ढक देना और उखड़ जाने पर जो नुकसान होता है उसकी भरपाई कौन करता है ? संबंधित विभाग की इस ओर ढिलाई बरतने से कयास लगाए जा रहे है कि मड़ीखेड़ा लाईन के बिछाए जाने पर लाखों की केबिल उखड़कर सामने आएगी और फिर से मड़ीखेड़ा का पानी शिवपुरी तक आने में सालों-साल लग जाएगा। यहां खुलेआम भ्रष्टाचार पर विभाग की मौन स्वीकृति देकर महज दुरूस्ती की बात करना कहीं न कहीं मिलीभगत अथवा विभाग का शिथिल रवैया नजर आ रहा है।

इस ओर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियां अथवा जिला प्रशासन को हस्तक्षेपर कर यहां होने वाले भ्रष्टाचार को रोकना होगा और संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही करना होगी जिसने यह लाईनें नियमों को दरकिनार करते हुए बिछाई है। देखते है आने वाले समय में क्या कार्यवाही होती है? सूत्रों ने बताया कि यहां जल्द ही जागरूक नागरिक अथवा जनप्रतिनिधि या जनता के हितैषी लोगों द्वारा आरटीआई के तहत बिछाई गई लाईन के बारे में जानकारी मांगी जाना तय है और दोषी के विरूद्ध कार्यवाही कराकर ही दम लिया जाएगा।