पोषण आहार या जहर का पैकेट: पिछोर में बंट गया एक्सपायरी पोषण आहार

वह पोषण आहार जो एक्सापयरी डेट को लगभग छ: माह पूर्ण कर चुका है फिर भी यह कुपोषित बच्चों को दिया जा रहा है।


शिवपुरी। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज मामा के भांजों के साथ इन दिनों बड़ा बुरा हाल उनके ही मातहत कर रहे है। जिले के पिछोर क्षेत्र में आंगनबाड़ी केन्द्र नयाखेड़ा में कुपोषित बच्चों को एक्सापयरी पोषण आहार खिलाया जा रहा है। जिससे यह बच्चे शिवराज मामा से कह रहे है कि मांगा था पोषण आहार, और आपके अधिकारी दे रहे है मौत...।

जिले के पिछोर क्षेत्र में महिला बाल विकास विभाग में बिगड़ते हालातों में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा। यही कारण है कि विभाग अपनी तंद्रा में इस कदर सोया हुआ है कि उसे कुपोषित बच्चों का कुपोषण मिटाने के लिए जो आहार प्रदान किया जाता है उसकी पैकिंग तिथि को भी नहीं देखा जा रहा जिससे कई बच्चों का भविष्य खतरे में जान पड़ रहा है।

जिले के पिछोर क्षेत्रांतर्गत आने वाले नया खेड़ा आंगनबाड़ी केन्द्र में यही हालात नजर आए। यहां पैकिंग दिनांक के बाद भी आज चार माह गुजरे पोषण आहार का वितरण बच्चों के लिए किया जा रहा है। इस घोर लापरवाही पर अंचल के महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी श्री गुण्डिया का कहना है कि पैकिंग तिथि के बाद भी पोषण आहार तीन महीने तक पोषणयुक्त रहता है लेकिन क्या तीन महीने बाद भी ऐसा कुछ होगा। इस बारे में परियोजना अधिकारी भी जबाब नहीं दे पाए। आखिर ऐसी क्या वजह हुई कि पैकिंग तिथि के बाद का पोषण आहार इन कुपोषित बच्चों को खिलाकर इनके भविष्यों से खिलवाड़ किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार हमें ज्ञात हुआ कि जिले के पिछोर क्षेत्र में नयाखेड़ा आंगनबाड़ी केन्द्र पर लगभग 50 की संख्या में बच्चे मौजूद है। जिनमें से दो बच्चे कुपोषण की बीमारी से ग्रसित है। इन बच्चों के कुपोषण को बेहतर बनाने का जिम्मा यहां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वीरकुंवर बाई के पास है जो यहां कुपोषित दो बच्चों का कुपोषण मिटाने के लिए 20 पैकिट पोषण आहार सुपरवाईजर मधुबाला श्रीवास्तव से लेकर आंगनबाड़ी केन्द्र नयाखेड़ा आई।

जब वह बच्चों को पोषण प्रदान कर रही थी कि तभी कुछ मीडियाकर्मी इस केन्द्र पर कवरेज करने पहुंचे यहां देखा तो जिन पोषण आहारों का पैकिट वीरकुवंर लेकर आई उस पर अटल बार आरोग्य पोषण आहार लिखा हुआ था जब उस पर पैकिंग तिथि को देखा तो पाया कि इसकी तिथि 10 फरवरी 12 अंकित है। इस प्रकार लगभग 6 माह एक्सपायरी पोषण आहार बच्चों को खिलाते हुए जब वीरकुंवर बाई को कैमरे में कैद किया तो उसने सुपरवाईजर मधुबाला श्रीवास्तव पर पूरी जिम्मेदारी छोड़ दी। जब मधुबाला श्रीवास्तव से बात की गई तो उनका मोबाईल स्विच ऑफ पाया गया। इस संबंध में परियोजना अधिकारी रतन सिंह गुण्डिया से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चों को पोषण आहार प्रदान कर उन्हें कुपोषण से मुक्ति दिलाई जाती है।

इसी क्रम में आंगनबाड़ी केन्द्र नयाखेड़ा पर कुपोषित को दिए गए पोषण आहर की यदि तिथि निकल भी गई है तब भी वह पैकिंग तिथि के तीन माह तक वैधता रखता है जिसमें कुपोषण से निबटने की शक्ति होती है। परियोजना अधिकारी के इस बयान से यह आभास होता है कि यहां किसी का कोई ध्यान नहीं जब सुपरवाईजर ने नहीं देखा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने नहीं देखा तो स्वयं परियोजना अधिकारी तो इससे अनभिज्ञ रहेंगे लेकिन इस तरह घोर लापरवाही के कार्यों के लिए जिम्मेदार अधिकारी भी कार्यवाही की जद में आने चाहिए। जो मासूम कुपोषित बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है।

यहां बताना मुनसाबि होगा कि मप्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना अटल बाल आरोग्य मिशन के तहत कुपोषण को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। जहां अतिकुपोषित बच्चों को अटल बाल आरोग्य पोषण वितरित किया जाता है लेकिन नयाखेड़ा आंगनबाड़ी केन्द्र पर बंटने वाला पोषण आहार तो एक्सापायरी डेट भी निकाला चुका है जिससे वह पोषण आहार की सभी क्षमताओं को खो चुका है एक तरह से वह अब जहर के समान हो गया है फिर भी यह बच्चों को दिया जा रहा है।