आखिर शिवपुरी में ही यह कटौती क्यों ?

शिवपुरी। क्या शिवपुरी मे पदस्थ बिजली विभाग के अफसर भाजपा सरकार के खिलाफ काम कर रहें हैं। जिस जिले ने भाजपा सरकार को चार-चार विधायक दिए वहां इस बार भाजपा को चारों खाने चित्त करने का षडयंत्र रचा गया है.? यहां पदस्थ अफसर आगामी चुनावों में भाजपा सरकार को हराना चाहते है इस तरह का प्रश्र आमजनता के मन में कोंध रहे है इसका कारण जिला मुख्यालय पर नियमविरूद्ध तरीके से की जा रही बिजली कटौती के कारण उत्पन्न हो रहा है। जिला मुख्यालय पर हालत यह है कि यहां 6 से 8 घंटे की प्रतिदिन कटौती की जा रही है।


इस भीषण गर्मी के दौर में की जा रही इस बिजली कटौती ने आमजन को काफी परेशानी में डाल दिया है लोगों का इस सरकार के प्रति अविश्वास का माहौल उत्पन्न हो गया है। लोगों का कहना है कि शिवपुरी में ही इतनी कटौती हो रही है जबकि आसपास के जिले गुना,दतिया, ग्वालियर में यह कटौती नही की जा रही है।

हाल फिलहाल शहर के नागरिकों का बिजली कटौती ने बुरा हाल कर रखा है। जब देखो मनमाने अंदाज में बिजली कटौती की जा रही है। इस कटौती ने भाजपा सरकार के प्रति लोगों मेें आक्रोश पैदा कर दिया है और अब जनता नेताओं को कोसने लगी है। जिले में बिजली कटौती को लेकर सारे नियम कायदे कानून विद्युत मंडल के अधिकारियों ने ताक पर रख रखे है।

अभी तक बिजली विभाग द्वारा शिवपुरी में पांच घंटे की घोषित कटौती की जा रही थी। लेकिन अब यह कटौती बढ़कर छह घंटे हो गई है। इसके साथ ही अघोषित बिजली कटौती में भी वृद्वि हुई है।

दिन हो या रात अपने मनमाने अंदाज में बिजली काटी जा रही है। बिजली विभाग ने बिजली कटौती के समय को मजाक बनाकर रख दिया है। अपनी इच्छा से अधिकारी समय को परिवर्तित करते रहते है। पहले दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक और सुबह 6 से 9 तक बिजली कटौती होती थी। इसे बदलकर सुबह 9 से 2 बजे तक बिजली कटौती का समय निर्धारित कर दिया। नागरिकों ने राहत की सांस ली कि इससे कटौती की मात्रा एक घंटे कम हुई। लेकिन फिर बिना किसी सूचना के सुबह 6 से 9 बजे तक कटौती और फिर दोपहर 3 से 6 तक बिजली कटौती शुरू कर दी गई है।

भाजपा नेताओं ने साधी चुप्पी

शहर में की जा रही इस कटौती से आमजन परेशान और दूसरी ओर सत्ताधारी दल के भाजपाईयों ने इस बारे में चुप्पी साध ली है। जनता में अपनी छवि खराब होने की जानकारी स्थानीय भाजपाईयों को भी है मगर विद्युत मंडल के अफसर पर इनका कोई प्रभाव नही है। शिवपुरी के विधायक माखनलाल राठौर को अपने निजी कामों से फुर्सत नही मिल पा रही है। आमजनता काफी परेशान है इसका असर आगामी विधानसभा चुनावों में पडऩा तय माना जा रहा है।