बेटे को नहीं देना था बंटवारा, इसलिए रची फर्जीलूट की कहानी

शिवपुरी। बीती 16 जून को दिन दहाड़े हुई महल कॉलोनी क्षेत्र में हुई साढ़े सात लाख रूपए की लूट के मामले में पुलिस के प्रयास शुरू से ही तेज था और आशंका जताई जा रही थी कि जिस फरियादी से यह लूट की गई है उसने तत्काल घटना के बारे में सूचित भी कर दिया। जिस पर पुलिस का शक गहरा गया और उससे कड़ी पूछताछ के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।
स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम में पत्रकारों के बीच इस मामले का खुलासा किया पुलिस अधीक्षक आर.पी. सिंह, अति.पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत, एसडीओपी संजय अग्रवाल व नगर निरीक्षक कोतवाली टीआई दिलीप सिंह यादव ने। जिन्होंने संयुक्त रूप से इस मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए फरियादी बने आरोपी ससुर-दामाद व समाधि को पुलिस गिरफ्त में ले लिया। यह पूरा मामला जमीनी बेचने के बदले मिली राशि को लेकर घटित हुआ था जहां पिता ने ही इस लूट का षडयंत्र रचा। इस मामले में पूर्व में पुलिस ने अज्ञात तीन आरोपीगणों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 407/ 12 धारा 394 भादवि के तहत पंजीबद्ध हुआ था।

यहां बता दें कि गत 16 जून को पंजाब नेशनल बैंक से  साढ़े सात लाख रूपये निकाल कर घर जा रहे फरियादी मांगीलाल धाकड़ से हुई लूट के मामले का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में फरियादी मांगीलाल धाकड़ और उसके दामाद वीरेन्द्र उर्फ वीरू धाकड़ को गिरफ्तार कर लिया है। मांगीलाल ने अपने पुत्र रघुनंदन को उसके हिस्से की राशि न देने हेतु स्वयं लूट की योजन बनाई थी।

सूत्रों ने जानकारी दी है कि पुलिस ने फरियादी मांगीलाल के छोटे पुत्र धर्मेन्द्र के साले नरोत्तम को भी गिरफ्तार किया है। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। एसपी आरपीसिंह ने बताया कि पुलिस इस मामले में नरोत्तम की भूमिका की जांच कर रही है। सूत्रों ने बताया कि साढ़े सात लाख की लूट में पुलिस ने तीन लाख साठ हजार की राशि बरामद कर ली है। जबकि एसपी ने बरामद रकम का खुलासा तो नहीं किया लेकिन उन्होंने बताया है कि एक बड़ी राशि बरामद की गई है। पुलिस इस मामले में पोहरी क्षेत्र की एक महिला जनप्रतिनिधि की भूमिका  की भी जांच कर रही है।

एसपी ने कहा कि जमीन विक्रय से मिली राशि को लेकर था विवाद

एसपी आरपीसिंह ने बताया कि पिछले दिनों मांगीलाल धाकड़ ने जमीन का विक्रय किया था और इसकी राशि में से उसका बड़ा पुत्र रघुनंदन अपना हिस्सा मांग रहा था। रघुनंदन दो साल से घर से अलग रह रहा है लेकिन मांगीलाल उसे धन देने के स्थान पर जमीन देने की जिद कर रहा था। बकौल मांगीलाल, उसका पुत्र रघुनंदन नशेलची और जुआरी है। इस कारण वह उसे पैसे नहीं देना चाहता था लेकिन रघुनंदन दबाव बना रहा था। इससे बचने के लिए मांगीलाल ने स्वयं की लूट की योजना का ताना बाना बुना। इसमें मांगीलाल ने अपने दामाद वीरू धाकड़ को भी शामिल किया। बताया जाता है कि 15 जून को मांगीलाल पंजाब नेशनल बैंक राशि निकालने पहुंचा जहां उसका अपने पुत्र रघुनंदन से विवाद हो गया और वह बिना राशि निकाले वापिस आ गया। दूसरे दिन 16 जून को एक मोटरसाईकिल पर मांगीलाल और वीरू धाकड़ तथा दूसरी मोटरसाईकिल पर रघुनंदन, उसके छोटे भाई धर्मेन्द्र का साला नरोत्तम और मांगीलाल का साडू सीताराम सवार होकर बैंक पहुंचे। बताया जाता है कि लूट की कहानी को अंतिम रूप देते हुए मांगीलाल और वीरू धाकड़ अपने साथ मिर्ची भी लेकर आये थे। बैंक से साढ़े सात लाख रूपये निकाले और उन्हें एक थैले में भरा। योजना के तहत दूसरी मोटसाईकिल पर सवार लोग आरोपी की योजनानुसार कुछ बिलंव से बैंक से रवाना हुए। इसी दौरान मांगीलाल ने लूट की फर्जी घटना को अंजाम दे दिया और नरोत्तम को वीरू ने मोबाईल कर बताया कि मिर्ची झोंककर तीन बदमाश उनसे साढ़े सात लाख रूपये लूट ले गये हैं। पुलिस को यह कहानी शुरू से फर्जी लगी। एक तो मौके पर किसी भी प्रत्यक्षदर्शी ने घटना की पुष्टि नहीं की और दूसरे वीरू आंखो में मिर्ची लगने की दो दिन तक शिकायत करता रहा उससे भी पुलिस का शक गहराया। पुलिस को यह भी समझ नहीं आया कि जिन रूपयों को रघुनंदन को देने के लिए बैंक से निकाला गया था। उन्हें बैंक में ही मांगीलाल ने रघुनंदन को क्यों नहीं दिया।