Special Interview of हायर सेकेण्डरी टॉपर सुरभि सिंघल

शिवपुरी-जीवन की ऊंचाईयों को छूने का जो स्वप्न शिवपुरी निवासी विजय सिंघल की पुत्री सुरभि सिंघल ने देखा वह उस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल भी हुई लेकिन अपनी अथक मेहनत और परिश्रम के चलते उसे यह सफलता मिली। हमें सबक मिलता है कि इस तरह लक्ष्य बनाकर उसके पीछे एकाग्र होकर लग जाने से लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।


सुरभि ने भी ऐसा ही किया है हम बात कर रहे है माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा वर्ष 2012 की हायर सेकेण्डरी परीक्षा में प्रदेश में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली सुरभि सिंघल की जिन्होंने इस वर्ष परीक्षा में 500 में से 469 अंक प्राप्त कर न केवल अपने विद्यालय बल्कि अपने परिवार औ समाज के साथ-साथ शिवपुरी जिले का नाम प्रदेश में रोशन किया है। यह अपने आप में गौरवान्वित महसूस करने वाली बात है। इस परीक्षा में सफल होने के बाद सुरभि का स्वप्न है कि वह सिविल सर्विसिजे में जाकर समाजसेवा के कार्यों को करना चाहती है और समाजसेवी कार्यों को करना ही उसका मकसद है।

द.भास्कर.कॉम/शिवपुरीसमाचार.कॉम बेबपॉर्टल से विशेष चर्चा के दौरान हमारे निज-संवाददाता को अपने जीवन के बारे में जानकारी देेते हुए म.प्र. की हायर सेकेण्डरी परीक्षा में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली शिवपुरी निवासी सुरभि सिंघल ने बताया कि  माता-पिता के आशीर्वाद से जो संबल मुझे मिला है उसी का परिणाम है कि आज इस सफलता को मैनें पाया। सुरभि के अनुसार प्रतिदिन 7-8 घंटे पढ़ाई करना भी इस सफलता के लिए महत्वपूर्ण माना जाएगा क्योकि मैंने यह दृढ़ कर लिया था कि जिस प्रकार से मैंने कक्षा 10वीं में 87 प्रतिशत अंक प्राप्त किए वह मुझे अपने आप में कम लगे। यही वजह है कि इस बार मैंने अधिक परिश्रम किया और इसका परिणाम मुझे घोषित परीक्षा परिणाम में 93.8 प्रतिशत अंक के साथ प्राप्त हुआ। 

मेरा स्वप्न था कि मैं भी शिवपुरी जिले का नाम रोशन करूं। सुरभि ने बताया कि आज बच्चों में दृढ़ इच्छा शक्ति की कमी रहती है जिसके चलते वह स्वयं अपने आप को इस तरह की परीक्षाओं में असहाय महसूस करते है लेकिन मॉं-बाप और शिक्षक यदि बच्चों का हौंसला बढ़ाऐ तो हर मुश्किल राह आसान हो जाती है।  सुरभि ने एन.एन.एस. के राष्टï्रीय कैम्प में 9 दिन महुं डोंगर में भी कुछ सीखने को मिला। जिसे वह आगामी समय में अपने निजी जीवन में भी कुछ कर गुजरने की कोशिश करेगी। 

वर्ष भर में दो ट्यूशन एक गणित विषय के लिए जिसके लिए मार्गदर्शक रितेश गुप्ता शिक्षक एवं वाणिज्य के लिए डॉ.राकेश लोधी शिक्षक के द्वारा प्रदाय शिक्षा ने भी इस सफलता में महत्वपूर्ण साथ दिया। सुरभि ने बताया कि वह सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही है और सिविल सर्विसेज में चयनित होकर समाजसेवी कार्यों को करने में काफी सहायता मिलती है और यही मेरा मकसद है कि समाजसेवी कार्यों से औरों को भी प्रेरणा दंू और हर कोई ऐसे कार्यों को कर समाज ही नहीं बल्कि अपने आपको भी एक समर्पित समाजसेवी समझ सके। 

सुरभि अपनी इस सफलता पर अपने शिक्षण संस्था विद्यालय बाल शिक्षा निकेतन व स्कूल संचालक श्रीमती शमां छिब्बर, बिन्दु छिब्बर, श्रीमती अनीता गुप्ता का भी आभार मानती है कि शिक्षा के इस क्षेत्र में इस विद्यालय से जो ज्ञान मिला उसी का परिणाम है कि इस ऊंचाई को मैंने छू लिया। सुरभि के अनुसार उसे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि शायद परीक्षा देने के बाद मेरा प्राप्तांक प्रतिशत कम आए और शायद मुझे मध्यप्रदेश के टॉपरों में स्थान मिल जाए लेकिन मांॅ-बाप के आशीर्वाद से मुझे म.प्र. में द्वितीय स्थान मिलेगा ऐसी कल्पना मेरे स्वप्नों से कहीं ऊपर है। मैं आभार मानती हॅं अपने परिजनों, मित्रों, सहयोगियों एवं विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं व सहपाठियो का जिन्होंने पल-पल मुझे हर कठिन परिस्थिति में संबल दिया और आज शिवपुरी का नाम मप्र में रोशन हुआ।

शिक्षा में अव्वल है सुरभि की दो और बहनें

शिक्षा के प्रति जो लगाव सुरभि सिंघल में देखने को मिला उसी प्रकार का लगाव सुरिभ की दो बहिनें बड़ी बहिन आकांक्षा सिंघल जो एम.बी.बी.एस. के माध्यम से चिकित्सकीय क्षेत्र में कार्य कर रही है तो वहीं छोटी बहिन कुं.अदिति सिंघल ने भी इस बार 8वीं की परीक्षा अच्छे अंको से उत्तीर्ण कर 9वीं में प्रवेश किया है। सुरभि सिंघल की मॉं श्रीमती गीता सिंघल भी एक सुदृढ़ व मार्गदर्शक गृहिणी के रूप में बच्चों का मार्गदर्शन करती रहती है वहीं पिता विजय सिंघल व्यवसाई है जो व्यापार के माध्यम से अपने बच्चो को उच्च शिक्षा दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। सुरभि ने 6 वर्ष तक नेतरा जोशी के निर्देशन में कत्थक की तैयारी भी की थी और आज वह अच्छी कत्थक भी है साथ ही बैडमिंटन का खेल सुरभि को बहुत पसंद है।

ये रहे सुरभि को टॉप बनाने वाले अंक

जिन अंकों को प्राप्त कर सुरभि सिंघल ने म.प्र. में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है उनके अनुसार
गणित में -        99 अंक
अंग्रेजी में-        93 अंक
वाणिज्य में -        88 अंक   
विजलिश स्टैडी में-    94 अंक
संस्कृत में-        95 अंक

इस प्रकार कुल 500 में से 469 अंक प्राप्त कर सुरभि ने म.प्र. में द्वितीय स्थान प्राप्त कर अपने विद्यालय, जिला, परिवार, समाज का ना केवल नाम रोशन किया है बल्कि अन्य बच्चों को भी एक प्रेरणादायी कार्य किया है जिससे अन्य बच्चे भी सीख लें और वह शिक्षा के प्रति संवेदनशील हो और लगातार शिक्षण कार्य में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होकर सुरभि की तरह अपने जिले का नाम रोशन करे।