शिवपुरी की शांत हवा को बिगाड़ते अपराध और अपराधी


शिवपुरी-अपराध करने वाले अपराधी को यदि उसके अपराध का बोध हो जाए तो निश्चित रूप से वह अपराधों से तौबा कर सकता है इसके लिए पुलिस विभाग ही एक ऐसा विभाग है जिसे इसकी जिम्मेदारी का निर्वहन बखूबी करना चाहिए लेकिन देखने में आ रहा है कि इन दिनों शिवपुरी अंचल में अपराधियों के बढ़ते हौंसलों से अपराधों में ही वृद्धि हो रही है जबकि यह पुलिस की लचर कार्यवाही के कारण हो रहा है।
आए दिन पुलिस थानों में पहुंचने वाले अपराधियों से खुले रूप में मामले को दबाने के लिए की जाने वाली सांठगांठ से हर अपराधी अपराध करने के बाद भी पुलिस की गिरेबां से बच निकलता है। ऐेसे कई उदाहरण अंचल में देखने को मिल जाऐंगे जिसमें अपहरण, बलात्कार, लूट, हत्या, अवैध उत्खनन, टैक्स चोरी अथवा जमीनी विवाद के रूप में फर्जी रूप से तैयार कराए जाने वाले कागजात ये सभी वे अपराध है।

जहां अपराधी को यदि निष्पक्षता से जांच कर दोषी पाया जाए तो उसके विरूद्ध कार्यवाही होना तय है लेकिन पुलिस विभाग में सांठगांठ  कर ऐसे सभी अपराधियों को खुल्ला सांड की तरह खुला छोड़ दिया जाता है। जो आगे चलकर किसी बड़े अपराध को अंजाम देेने से नहीं झिझकते है। पुलिस को चाहिए कि वह अपराधियों पर यदि सही रूप से अंकुश लगाए तो न केवल अपराधों में कमी आएगी वरन् अपराध करने वाला व्यक्ति भी सुधर जाएगा। वैसे तो इसके लिए पुलिस सुधार गृह भी है जहां इन अपराधियों को अपराध से दूर रहने का प्रशिक्षण भी दिया जा सकता है।

हम बात कर रहे है शिवपुरी शहर ही नहीं बल्कि अंचल भर में जहां आए दिन लूट, डकैती, धोखाधड़ी,हत्या, अपहरण, बलात्कार जैसे संगीन अपराधों को सरेआम अपराधी बेखौफ रूप से अंजाम दे रहे है। इन पर काबू करना आवश्यक है।

जिले का पिछोर क्षेत्र तो इन दिनों सुर्खियों में जहां अभी-अभी बीते कुछ समय पहले ही गैंगरेप की घटना ने समूचे प्रदेश में खलबली मचा दी तो वहीं शिवपुरी शहर में भी एक बाप ने सौतेली पुत्री के साथ बलात्कार जैसी घिनौनी घटना को अंजाम दिया।

यह मामला थमा भी नहीं था कि पिछोर में फिर से एक नवविवाहिता को बलात्कार का शिकार बनाया गया जिसे लगातार दो युवकों ने चार-पांच दिनों तक अपनी काम वासना की हवस मिटाने के लिए बहशी दरिंदों की तरह नोंच खाया। इतना सब होने के बाद भी पिछोर क्षेत्र में अपराधों की कमी कहीं से कहीं तक नजर नहीं आती। पूर्व में जहां इसी क्षेत्र में मंदिर में चोरी की घटना को लेकर लोगों का आक्रोश चरम पर था     तब भी भौंती में पुलिस ने लोगों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाते हुए नकली भगवान की मूर्तियां बरामद कर लोगों की भावना के साथ खिलवाड़ किया था। अंतत: पुलिस को अपनी स्वच्छ छवि बताने के लिए यदि ढोंग ढकोसले ही करना है तो फिर क्यों पुलिस की वर्दी पहन रखी है इससे अच्छा तो है कि वह भी अपराधियों के साथ खुलकर इन वारदातों को अंजाम दे।

इस शांत फिजा को बिगाडऩे वाले अपराधियों को यदि समय रहते नहीं रोका गया तो यह नासूर साबित हो सकती है। पहले जहां पूर्वजों की छत्रछाया के रूप में पूरा परिवार अपने बच्चों को घर पर छोड़कर अकेले कहीं चले जाते थे तो वहीं आज सब कुछ होने के बाद भी बच्चो को घर पर अकेला नहीं छोड़ा जा पाता क्योंकि जिस सुरक्षा की दंभ पुलिस भरती है आज वह भी अपने कर्तव्य से भटकती नजर आ रही है।

यहां यदि कोई खामी नजर आती है तो वह है पुलिस के आत्मविश्वास की जिसने आज तक लोगों में अपनी वह साफ स्वच्छ छवि नहीं बनाई जिससे जनता को पुलिस पर भरोसा हो। क्योंकि आए दिन थानों पर आने वाले केसो में अपराधियो के साथ पुलिस का व्यवहार ऐसा होता है कि वह मामला आगे बढ़े उसके पहले ही थानों से निपटा दिया जाता है।

करैरा, पिछोर, खनियाधाना, भौंती, मनपुरा, बदरवास, कोलारस, शिवपुरी, पोहरी, नरवर आदि इन सभी जगहों पर यदि पुलिसिया कार्यवाही पर नजर दौड़ाए तो यहां अपराधियों के अपराध सर्वाधिक नजर आऐंग लेकिन पुलिस की कार्यवाही महज कुछ ही होंगी। यदि यही हाल रहा तो अंचल में शांति का राग अलापने वाले लोगों की नींद हराम तो होगी ही साथ ही इसकर असर संपूर्ण प्रदेश भर भी पडऩा तय है। इसलिए पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार की जरूरत है यदि समय रहते ऐसा भी नहीं हो सका तो आमजन भी पुलिस के प्रति खुलकर सामने आ जाऐंगे।

पुलिस सुधार में निभा सकती है भूमिका

यदि पुलिस चाहे तो अपराधी और फरियादी दोनों की बातों को अच्छी तरह सुनकर सच्चाई का साथ दे तो निश्चिचत रूप से पुलिस इस मामले में सुधार की भूमिका निभा सकती है। क्योंकि एक अच्छे नागरिक की भांति यदि पुलिस का रवैया अपराधी और फरियादी दोनों पर गौर करा जाए तो मामले की निष्पक्षता से जांच करते हुए दोनों को ही समझाईश दी जाना चाहिए। वहीं यदि अपराधी देाषी होता है उसे अपराध की सजा भुगतने के लिए जेल की हवा खानी पड़ती है वहीं फरियादी को भी न्याय मिल जाता है तो पुलिस की छवि आमजन में साफ बनी रहती है।