कभी भी टूट सकते हैं सिंधियाओं के बनाए पुल

संतोष कुमार शर्मा
पोहरी-श्योपुर रोड पर काफी समय पूर्व निर्मित किये गये पुलों के हालात अब पहले जैसे नहीं रहे हैं, समय के साथ पुल कमजोर होते जा रहे हैं वहीं दूसरी ओ क्षमता से अधिक भार लेकर इन पुलों से गुजर रहे वाहनों के कारण पुलों में दरार और दीवारों के पत्थर टूटकर गिरने लगे हैं। पुलों के क्षतिगस्त होने से किसी रोज कोई भी यात्री या भारी वाहन दुर्घटना का शिकार हो सकता है।



जानकारी के अनुसार पोहरी से तीन किलोमीटर शिवपुरी की ओर स्थित बडा पुल और श्योपुर रोड के कूनो नदी के पुल का निर्माण स्टेट टाईम में किया गया था, डिजाईन के अनुसार इन पुलों से महज 15 टन भार के वाहनों को ही गुजरना चाहिये परंतु स्थानीय प्रशासन और पुलिस की अनदेखी के चलते 65 से 80 टन वजनी वाहनों को भी यहां से गुजारा जा रहा है। इन पुलों के निर्माण निर्माण के यसमय चूना का मोटार ।मसाला। इस्तेमाल किया जाता था पीडब्ल्यूडी के अनुसार जिसकी आयु 75 वर्ष तक मानी गई है। पुलों के निर्माण में इस्तेमाल मसाला अपनी आयु भी पूर्ण कर चुका है तथा अब बेकार हो चुका है। इन पुलों से भारी वाहनों के गुजरने के कारण पुलों को भारी क्षति हो रही है। अब यदि इन पुलों से रेत से भरे भारी वाहनों को गुजारना बंद नहीं किया गया तो गुजरने वाले यात्री वाहन भी पुलों के साथ धराशायी हो ाकते हैं जिसमें न जाने कितने मासूमों की जान पर बन आयेगी।

टूटने लगे हैं स्टेट टाईम के पुल -

 
पोहरी से शिवपुरी की ओर तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित बडे पुल पर से भारी वाहनों के गुजरने के कारण भारी क्षति हो रही है इस पुल की दीवारे एक ओर झुक गई हैं तथा किनारे पर लगे पत्थर भी टूटकर नीचे गिरने लगे हैं इसी तरह कूनो नदी के पुल की हालत भी कुछ अच्छे नहीं हैं इस पुल में भी स्लेव क्षतिग्रस्त होकर टूटने लगी है। पुल के दौनों ओर की मुड्डियां भी अब नहीं नजर आती। बडे पुल और कूनो नदी आर्च डिजाईन के बने हुये है। पुल पुराने होने के साथ ही कम क्षमता के वाहनों को गुजरने के हिसाब से निर्मित किये गये थे। परंतु अब इनकी उम्र गुजरने के बाद क्षमता से अधिक भारी वाहनों का गुजरना भी जारी है।

सडक नहीं सह सकती इतना वजन-

एमपीआरडीसी के डिवीजननल मैनेजर राजीव श्रीवास्तव के अनुसार शिवपुरी से श्योपुर पाली तक बनाई गई सडक का निर्माण 8.16 टन प्रति एक्सल भार के हिसाब से किया गया है, परंतु इस मार्ग से चार गुना भार लगभग 65 टन लेकर भारी वाहनों का आवागमन जारी है जिसके लिये पोहरी के एसडीम एवं थाना प्रभारी को ओवर लोड वाहनों पर कार्यवाही के लिये पत्राचार भी किया गया था परंतु अभी तक भारी वाहनों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं होने से सडक को भारी नुकसान हो रहा है और जगह जगह सडक में दरारे एवं गड्डे पडने लगे हैं।

फोन नहीं उठाते पीडब्ल्यूडी अधिकारी-

जब पुराने पुलों के संबंध में लोकनिर्माण विभाग के प्रभारी एसडीओ हरिवल्लभ वर्मा एवं उपयंत्री से चर्चा करने के लिये मोबईल पर फोन लगाया जाता है तो कई बार फोन करने के बाद भी बात नहीं हो पाती है। दौनों अधिकारी भास्कर कार्यालय का नंबर देखने के बाद काल रिसीब करना भी मुनासिव नहीं समझते हैं।

इनका कहना है -

बडे पुल और कूनोनदी के पुल काफी पुराने समय के बने हुये हैं, इनकी रिपोर्ट बनाकर प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है, प्रस्ताव बनवाकर शासन को भेजेगें जिसके बाद शासन के निर्देश और स्वीकूति के बाद ही पुलों का निर्माण संभव हो पायेगा।
 
राजीव श्रीवास्तव
डिवीजनम मैनेजर एमपीआडीसी, शिवपुरी
 
पुराने समय के पुलों पर ओवरलोड वाहनों के गुजरने से से भारी नुकसान होता है, इसके लिये एमपीआरडीसी के अंडर में है तो उनके द्वारा स्ट्रेंथ टेस्ट किया जाना चाहिये तथा भारी वाहनों के गुजरने पर रोक लगाई जानी चाहिये।
 
एमएस जादौन एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, संभाग ग्वालियर