केबीनेट मीटिंग: अन्य महत्वपूर्ण फैसले

प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों की होल्डिंग कम्पनी एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड के लिये कार्य-निर्धारण के प्रस्ताव का अनुमोदन भी मंत्रि-परिषद द्वारा किया गया। इस संबंध में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी तथा तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों के मध्य मैनेजमेंट एवं कार्पोरेट कार्य अनुबंध हस्ताक्षरित करने की मंजूरी भी दी गई।
मंत्रि-परिषद ने एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी को बैंक से साख सुविधा (Fund Based and Non Fund Based Credit Limit) लेने के लिये 500 करोड़ रुपये की शासकीय प्रत्याभूति प्रदान करने का फैसला भी लिया। यह शासकीय प्रत्याभूति प्रथमत: एक वर्ष के लिये होगी, जो जरूरत के अनुसार वित्त विभाग द्वारा बढ़ाई जा सकेगी।

मंत्रि-परिषद ने अपने विगत 10 जनवरी, 2012 के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 27 नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिये 6 वर्ष में चरणबद्ध प्रस्ताव को कार्यान्वित करने का सैद्धांतिक अनुमोदन किया। प्रथम चरण में 9 नवीन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिये औद्योगिक केन्द्र विकास निगमों को हुडको/वित्तीय संस्थानों से 128 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त करने की मंजूरी दी गई है। आवश्यकता अनुसार उपरोक्त ऋण की गारंटी राज्य शासन द्वारा दिये जाने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया।

मंत्रि-परिषद ने बाँस कटाई के काम से मिलने वाले शुद्ध लाभ का शत-प्रतिशत वितरण बाँस कटाई का कार्य करने वाले मजदूरों को करने का निर्णय भी लिया। वर्ष 2011-12 में अर्जित शुद्ध लाभ के वितरण की व्यवस्था इस वित्तीय वर्ष से लागू की जायेगी। इस पर प्रतिवर्ष औसतन 6 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आयेगा।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की स्थापना पर अस्थाई रूप से सृजित प्रथम श्रेणी के 11 तथा द्वितीय श्रेणी के 17 पदों को आगामी 5 वर्ष की अवधि के लिये परिवर्तित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।

मंत्रि-परिषद ने एक संवेदनशील फैसला लेते हुए बंदी द्वारा अर्जित की जाने वाली पारिश्रमिक की राशि का एक भाग जो कॉमन फण्ड के रूप में अपराध के पीड़ित पक्ष को प्रतिकर के रूप में भुगतान किया जाता है, उसमें बढ़ोत्तरी की है। वित्त विभाग तथा विधि विभाग के परामर्श के अनुसार धारा 302 के अतिरिक्त धारा 304, 304-ख, 305, 306 तथा 363 से 369 तक तथा धारा 376 के अंतर्गत जिन लोगों को मृत्यु दण्ड अथवा आजीवन कारावास की सजा हुई है, उनसे संबंधित पीड़ित परिवार के सभी सदस्यों को 10 हजार रुपये के बदले अब 25 हजार रुपये प्रतिकर राशि देने का निर्णय लिया गया है।

मंत्रि-परिषद ने श्री एम.एम. खान, तत्कालीन सिविल न्यायाधीश, जबलपुर को सेवा से पृथक किये जाने संबंधी जारी आदेश के विरुद्ध उनकी अपील निरस्त किये जाने की अनुमति दी।

मंत्रि-परिषद ने श्री एस.एस. ठाकुर, तत्कालीन उप कल्याण आयुक्त, भोपाल, गैस पीड़ित, भोपाल की दो वेतनवृद्धि संचयी प्रभाव से रोके जाने के उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध उनकी अपील निरस्त किये जाने को मंजूरी दी।

मंत्रि-परिषद ने श्री व्ही.के. सिंह, तत्कालीन सिविल न्यायाधीश वर्ग-1 और ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, शुजालपुर को सेवा से पृथक किये जाने संबंधी जारी आदेश के विरुद्ध उनके द्वारा प्रस्तुत अपील निरस्त किये जाने की अनुमति दी।

मंत्रि-परिषद ने श्री के.एल. श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी की पेंशन और ग्रेच्युटी की राशि रोकने संबंधी विभाग का आदेश निरस्त करने का निर्णय लिया। यह आदेश उच्चतम न्यायालय में लंबित विशेष अनुमति याचिका के अध्यधीन होगा।