किसानों के गेहूँ का एक-एक दाना खरीदा जायेगा: मुख्यमंत्री


मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि किसानों के गेहूँ का एक-एक दाना खरीदा जाये, उनका गेहूँ खराब नहीं होने दें। समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी किसी भी केन्द्र पर बंद नहीं हो, यह राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी और भंडारण की समीक्षा कर रहे थे।
बताया गया कि राज्य सरकार अपने स्तर से छह जिलों में साढ़े 7 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की भंडारण क्षमता निर्मित करेगी। इसके लिये चार वरिष्ठ प्रमुख सचिवों के नेतृत्व में चार दल बनाये गये हैं, जिन्होंने आज से ही काम शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्थानीय स्तर पर भंडारण के लिये गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए बेग की खरीदी की जाये। खुले में गेहूँ भंडारण की क्षमता युद्ध-स्तर पर निर्मित की जाये। इसके लिये मंडी, औद्योगिक क्षेत्रों में खाली पड़े शेड तथा अन्य शासकीय भवनों में व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि गेहूँ की खरीदी सतत जारी रहे, किसी भी केन्द्र पर किसी भी स्थिति में खरीदी बंद नहीं हो, इसके लिये युद्ध स्तर पर काम करें।

मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम ने बैठक में कहा कि एक सप्ताह के भीतर साढ़े 7 लाख मीट्रिक टन गेहूँ बिना बोरों के रखने की क्षमता तैयार की जायेगी। यह क्षमता होशंगाबाद, हरदा, धार, विदिशा, सीहोर और रायसेन जिलों में निर्मित की जायेगी। छह जिलों के लिये प्रमुख सचिवों के नेतृत्व में दल बनाये गये हैं। होशंगाबाद जिले के लिये प्रमुख सचिव श्री के.के. सिंह, हरदा जिले के लिये प्रमुख सचिव श्री आर.एस. जुलानिया, सीहोर और रायसेन जिले के लिये प्रमुख सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा तथा धार और विदिशा जिले के लिये प्रमुख सचिव श्री पी.सी. मीणा प्रभारी रहेंगे। भंडारण के लिये मण्डी में उपलब्ध स्थान को प्राथमिकता दी जायेगी। इन स्थानों पर भंडारण किये गये गेहूँ को बारदानों में आगामी 31 मई के बाद रखा जायेगा। होशंगाबाद और हरदा जिले में डेढ़-डेढ़ लाख मीट्रिक टन तथा धार, विदिशा, सीहोर और रायसेन जिले में पचहत्तर-पचहत्तर हजार मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता निर्मित की जायेगी। इन स्थानों पर नये खरीदी केन्द्र भी शुरू किये जायेंगे।

बैठक में अपर मुख्य सचिव खाद्य श्री एंथोनी डीसा, अपर मुख्य सचिव उद्योग श्री पी.के. दास सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।