बिना आह्वान शहर बंद, पारा 48 डिग्री

शिवपुरी-इन दिनो पडऩे वाली गर्मी तो नौतपों से बढ़कर भी अपना असर दिखा रही है। यहां दिन तो दिन रात में भी गर्मी से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही। अलसुबह 7 बजे के बाद निकलने वाला दिन देर शाम यदि 7 बजे के बाद भी ठण्डक दे जाए तो वही बहुत है लेकिन गर्मी से निजात पाना लोगों को बड़ा मुश्किल लगता है। केवल पंखों और कूलरों के साथ लोग घरों में रहने को मजबूर है आखिर इतनी तेज गर्मी का असर पूरे शहर में देखने को मिल रहा है। यूं तो भीषण गर्मी के रूप में अपनी पहचान बना चुके नौतपा का असर भी नौतपे के पहले से ही देखा जा रहा है। शुक्रवार से शुरू हुए नौतपे की तपिश से पूरा शहर तप रह है।
गर्मी के दिनों की शुरूआत के साथ ही सबसे पहली समस्या खड़ी होती है पेयजल की, क्योंंकि गर्मी के दिनों में जल स्तर काफी नीचे पहुंच जाता है यही कारण है कि नगर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी पेयजल की भारी समस्या से जूझना पड़ता है। वहीं दूसरी वजह गर्मी में तपिश की रहती है जहां दिन भर लोग अपने कामों को करने घर से निकलते है तो वह दिन दोपहर तक अपना काम वहीं छोड़ घर में अथवा ऑफिस में जाकर कूलर व पंखें की हवा में आराम फरमाते है। यंू तो शिवपुरी में गर्मी के भी कई रिकॉर्ड बने है जहां पारा 46 से 48 डिग्री तक पहुंचा है जो यह दर्शाता है कि यहां साल दर साल प्रतिवर्ष गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। वहीं गर्मी में कई प्रकार की बीमारियों से घिरे मरीज को तो जैसे ये आफत के समान लगते है। 
 
बीमारियों से घिरे मरीज की इन दिनों बड़ी बुरी हालत हो जाती है वहीं जिला चिकित्सालय में भी मरीजों की भीड़ को देखा जा सकता है। उल्टी, दस्त, मलेरिया, बुखार से पीडि़त अनेकों मरीज अपना उपचार कराने के लिए जिला चिकित्सालय में चिकित्सक का इंतजार करते आसानी से देखे जा सकते है। गर्मी में अभी भी पारा 44.0 डिग्री तक आ पहुंचा है। नौतपों की शुरूआत तो शुक्रवार से हुई लेकिन इनका असर काफी पहले से देखा जा रहा है। जहां प्रात: 7 बजे के बाद से ही गर्मी अपना असर दिखाना शुरू कर देती है वहीं दूसरी ओर विद्युत कटौती भी लोगों को बेचैन कर देती है। 
 
क्योकि गर्मी से बचने के लिए लोग खुली हवा का सहारा लेने घर के बाहर तो आ जाते है परन्तु जब पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई तो यहां वातावरण में गर्मी का प्रकोप अधिक फैलने लगा। ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील होना जरूरी है ताकि वह बीमारियों से बचाव कर अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखे सके।

शीतल पेय पदार्थों की बढ़ी मांग

गर्मी के दिनों में सर्वाधित शीतल पेय की मांग बढ़ी है। जिसके चलते आए दिन लोग ठण्डक के लिए कोल्ड ड्रिंक, लस्सी, शिकंजी अथवा  ठण्डा पेय पदार्थ कुछ भी लेने के लिए दुकानों पर सामग्री खरीदते देखे जा सकते है। शीतल पेय पदार्थों से यंू तो कुछ हद तक राहत मिल जाती है लेकिन असल राहत तो ग्लूकोज व नींबू का पानी सर्वाधिक शरीर को ठण्डक देता है। इन दिनों तो चिकित्सक भी मरीजों ही नहीं बल्कि हर आमजन को गर्मी से बचाव के लिए शीतल पेय पदार्थों को छोड़कर ताजा फल व ग्लूकोज और नींबू की शिकंजी अधिक पीने के लिए कहते है साथ ही गर्मी से बचाव के लिए सिर व मुंह को भी ढकना चाहिए ताकि गर्मी शरीर के अंदर प्रवेश ना करे अन्यथा हालत बिगड़ते देर नहीं लगती।

लू से बढ़ेगी और अधिक गर्मी

गर्मी के दिनों में अधिक पडऩे वाली गर्मी को लू भी कहा जाता है जब तेज गर्मी होती है तो लू का असर देखने को मिलता है। इस बारे में मौसम केन्द्र का कहना है कि गर्मी के साथ अब लू की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता, अब गर्म हवा लोगों को बेहाल कर सकती है। केन्द्र ने यह भी जानकारी दी है कि आसमान साफ रहने की वजह से गर्मी का प्रकोप अभी और बढ़ेगा। वैसे तो गर्मी अधिक होने की वजह से बताया जाता है कि अधिक गर्मी होना बारिश के लिए अच्छा संदेश है यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा कि शिवपुरी में गर्मी का कितना अधिक असर मौसम पर होगा। क्योंकि भविष्य की संभावनाओं में क्या है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

यह है डॉक्टरों की सलाह

गर्मी से बचाव के लिए लोगों को वैसे तो स्वयं ही सावधानी बरतनी चाहिए। फिर भी इस बारे में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने गर्मी से बचाव के कुछ सुझाव दिए है। उनमें बतया कि घर से बाहर निकलते समय चेहरे एवं शरीर को ठीक तरह से ढक लें, पानी अधिक से अधिक पिऐं ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो, खुले में रखी प्रदूषित चीजें खाने से बचें, तेलीय सामग्रीयों का इस्तेमाल कम से कम करें, शिकंजी, नींबूपानी, आम का पना आदि का उपयोग करें, संभव हो तो दोपहर में घर से बाहर जाने से बचें साथ ही हल्के और ढीले कपड़ों का अधिक से अधिक प्रयोग करें। ऐसा करने से कुछ हद तक तो गर्मी से निजात पाई जा सकती है लेकिन यदि इन तरीकों को यदि अपनाया नहीं गया तो संभव है कि इसका असर मानव शरीर पर देखा जा सकता है। इसलिए इन सावधानियों का खास ख्याल रखा जाए तो गर्मी से बचाव संभव है।