डीआईजी-पूर्व विधायक रघुवंशी में तना-तनी

राजू(ग्वाल)यादव
शिवपुरी-वाकई प्रदेश सरकार के नुमांईदें की अलाली और लापरवाही ही है कि आज शहर में लूट, हत्या, अपहरण जैसी गंभीर वारदातों आए दिन घटित हो रही है। अब तो ऐसे मामले भी सामने आने लगे है जो स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस तरह के मामलों को पुलिस के संज्ञान में लाए तो भी पर्याप्त जानकारी व तथ्यों के होने के बाबजूद भी पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करते, ऐसा ही मामला प्रकाश में आया गत दिवस जब पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी एक पीडि़त अपहृत फरियादी को लेकर डीआईजी आर.एस.मीणा के समक्ष पहुचें।

यहां डीआईजी ने पूर्व विधायक की तो नहीं सुनी बल्कि उन्हें नसीहत देकर इस तरह की राजनीति से दूर रहने की नसीहत तक दे डाली। यहां इस मामले को कवरेज कर रहे कुछ मीडियाकर्मियों से भी डीआईजी श्री मीणा ने बदतमीजी की। जिसकी घोर निन्दा पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने मौके पर ही की। पूर्व विधायक ने इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली पर ऊंगली उठाई और इस तरह की वारदातों से सबक लेने की नसीहत डीआईजी, एसपी व पूरे पुलिस अमले को दे डाली। फिलहाल गत दिवस हुए इस मामले को लेकर डीआईजी और पूर्व विधायक में जमकर तना-तनी देखने को मिली। जिस पर दोनों ही एक दूसरे पर आंखें तरेंरते नजर आए।

 हुआ यूं कि बीते कुछ रोज पूर्व इंदार थाना क्षेत्र के ग्राम लालपुर से एक युवक  रामकृष्ण दांगी ग्वालियर से अपना कार्य खत्म कर शिवपुरी की ओर लौट रहा था कि तभी वाहन के इंतजार में खड़़े इस युवक को जीप नजर आई, जीप चालक ने वाहन रोककर युवक से पूछा कहां जाना है तो इसने कहा शिवपुरी जाना है, जिस पर जीप चालक ने युवक को बिठाया और शिवपुरी ले जाने को कहा। इस युवक को जीप चालक ने रास्ते में एक होटल पर जीप रोककर चाय पिलाई और इसी चाय में बेहोशी की दवा मिलाकर युवक को बेहोश कर दिया। जिस पर  युवक की जब आखें खुली तो वह शहर से कहीं दिल्ली-पलवल के बीच खुद को पाया जहां युवक के हाथ, पैर, मुंह सब बंधे हुए थे। जब युवक ने इन जीप चालक अज्ञात युवकों से खुद को यहां लाने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि हम तुम्हारा कुछ नहीं करेंगे बस एक छोटा सा ऑपरेशन होना है फिर छोड़ देंगे। 

इसी बीच पलवल के जिस गांव में रामकृष्ण को अपहृत करके रखा गया था उस गांव में अचानक आग लग गई। जिससे अज्ञात जीप चालक वहां से भाग खड़े हुए और बंधक रामकृष्ण को वहीं छोड़ गए। बंधक को ग्राम के ही एक युवक ने देखा तो उसके हाथ पैर खोलकर यहां होने की जानकारी ली। जिस पर युवक ने मोबाईल से अपने परिजनों को स्वयं के अपहरण होने की जानकारी दी। जिस पर तत्काल परिजन पलवल पहुंचे और रामकृष्ण दांगी को शिवपुरी लेकर आए। जहां पहले पुलिस को सूचित किया जब पुलिस ने इनकी नहीं सुनी तो परिजनों ने पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी के समक्ष अपनी पीड़ा व्यक्त की। जिस पर पूर्व विधायक श्री रघुवंशी ने मामले को गंभीरता से लेकर इसे मानव तस्कर अंगों के गिरोह से जोड़कर होना समझा और तुंरत परिजनों के साथ उन अज्ञात लोगों के विरूद्घ मामला दर्ज कराने पुलिस कोतवाली पहुंच गए। लेकिन यहां पुलिस ने इनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की।

 जिस पर पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने पुलिस अधीक्षक आर.पी. सिंह से इस मामले में कार्यवाही की बात की। लेकिन यहां भी श्री रघुवंशी को निराशा हाथ लगी। यहां सुनवाई होते ना देख पूर्व विधायक श्री रघुवंशी ने डीआईजी को दूरभाष पर मामले से अवगत कराया तो पता चला कि डीआईजी रूप सिंह मीड़ा स्वयं शिवपुरी में सर्किट हाउस पर मौजूद है। जहां तत्काल श्री रघुवंशी पीडि़त रामकृष्ण दांगी व कुछ कांग्रेसियों और मीडियाकर्मियो के साथ सर्किट हाउस डीआईजी से मिलने पहुंच गए और मामले से डीआईजी को अवगत कराया। जिस पर डीआईजी ने मौके पर ही रामकृष्ण से इस मामले की जानकारी ली। श्री रघुवंशी ने इस मामले में युवक की किडनी निकाले जाने का आरोप भी लगाया तो डीआईजी ने अपहृत युवक के शरीर को हिलाकर स्वयं हकीकत जानी लेकिन उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिला। 

इतने में श्री रघुवंशी ने मामल दर्ज करने के लिए डीआईजी पर दबाब बनाया तो दोनों ही पक्षों में तना-तनी होती नजर आई। श्री रघुवंशी ने इस मामले में डीआईजी पर ही आरोप जडऩे श्ुाुरू कर दिए और पुलिस की लचर कार्यप्रणाली व मनमानीपूर्ण तरीके को इस तरह की वारदातें घटित होना बताया। श्री रघुवंशी ने बताया कि जनप्रतिनिधि होने के नाते हमारा कर्तव्य है कि जन-जन की आवाज को शासन प्रशासन तक पहुंचाया जाए और इस तरह के मामलों में सख्त कार्यवाही कराई जाए लेकिन पुलिस विभाग के इन वरिष्ठ अधिकारियों के इस तरह के रवैये से प्रतीत होता है कि यहां पुलिसिया राज चल रहा है जहां किसी की कोई सुनवाई नहीं होनी है साथ ही डीआईजी पर श्री रघुवंशी ने उन्हें धमकी देने का आरोप भी लगाया। लेकिन इस धमकी के मामले से डीआईजी श्री मीणा ने स्वयं को पाक-साफ बताया और इस तरह के आरोपों को निराधार कहा।

कैसा शासन यहां तो पुलिसिया राज चल रहा है : श्री रघुवंशी

पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने पलवल में बंधक मिले युवक रामकृष्ण दांगी का जिन अपहरण कर्ताओं ने अपहरण किया था उनके विरूद्घ पुलिसिया कार्यवाही ना होने के चलते पूरे शाासन को दोषी करार दिया है। श्री रघुवंशी ने कहा कि ये कैसा शासन है जहां आमजन की समस्याओं ही नहीं सुना जा रहा बल्कि उल्टे पुलिस वाले ही फरियादियों को डरा-धमका रहे है। यहां तो सरासर पुलिसिया राज चल रहा है जिसके चलते प्रदेश में हत्या, लूट, डकैती और अपहरण जैसी घटनाऐं हो रही है। शिवपुरी में जिस तरह से मानव तस्करों ने एक युवक का अपहरण किया उससे सबक लेना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाऐं आगे घटित ना हो। श्री रघुवंशी ने कहा कि पुलिस को इस तरह के मामलों में सतर्कता दिखानी चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए ताकि वह इस तरह के लोगों से अपना बचाव कर सके लेकिन यहंा तो सबकुछ उल्टा ही नजर आता है।

अपराधों को रोकने के प्रयास जारी है : डीआईजी श्री मीणा

पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी द्वारा पुलिस पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए डीआईजी रूप सिंह मीणा का इस बारे में कहना है कि पुलिस अपना काम कर रही है अपराधों पर अंकुश लगे ऐसे प्रयास भी जारी है लेकिन बिना किसी कारण के कैसे मामला दर्ज हो सकता है। श्री मीणा का अपहृत युवक रामकृष्ण दांगी के मामले में कहना है कि युवक का शरीर चुस्त दुरूस्त है तो फिर कहां उसकी किडनी गायब हो गई जबकि पूर्व विधायक युवक की किडनी गायब होना बता रहे है। श्री मीणा ने बताया कि पुलिस भी नागरिकों को जागरूक कर रही है पैम्पलेट, सुझाव-आचार विचार आदि के माध्यम से कई प्रकार के अपराधों से लोगों को दूर रहने के लिए पुलिस अपना कार्य कर रही है। श्री मीणा ने पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी को धमकी देने के मामले के भी सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मैंने किसी प्रकार से किसी को कोई धमकी नहीं दी। वैसे यदि कोई बेबजह आरोप लगाए तो वह स्वतंत्र है।