देखिए क्या डींगे हांक रहे हैं पूर्व सीएमओ आरके कार्तिकेय

शिवपुरी. यहां शिवपुरी शहर पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रहा है और वहां विदिशा में शिवपुरी नगरपालिका के पूर्व सीएमओ डींगे हांक-हांक कर बता रहे हैं कि पीपीपी के माध्यम से उन्होंने शिवपुरी को पेयजल से तरबतर कर दिया है। देखिए क्या कह रही है विदिशा के अखबारों में छपी यह खबर :-


 विदिशा। जलसंकट और पानी की समस्या से निपटने के लिए अब आने वाले दिनों में विदिशा नगर पालिका की जल व्यवस्था पीपीपी के तहत की जाएगी। जिससे शहर का जो उपभोक्ता जितना पानी खर्च करेगा उसको उतना उसका पैसा चुकाना पड़ेगा। प्रदेश में 13 नगर निगम, 86 नगर पालिकाएं व करीब 235 नगर परिषद हैं। इनमें से यूआईडीएसएसएमटी प्लान से जुड़ी 35 नगर पालिका में यह योजना लागू की जाना है। इसके लिए प्रदेश भर की नगर पालिकाओं से सुझाब मांगे गए है। इस प्लान में खंडवा, ब्यावरा, देवास, विदिशा बुधनी, शिवपुरी की नगरपालिकाएं शामिल हैं। जहां भविष्य में यह प्लान शुरू किया जाना है। प्रारंभिक तौर पर शिवपुरी और खंडवा नगर पालिका में प्रयोग शुरू कर दिया गया है। संभव है बहुत जल्द विदिशा में यह लागू हो जाए। नगर पालिका सीएमओ आरके कार्तिकेय ने बताया कि इस प्लान को 2009 में वे शिवपुरी में शुरू करके आए है। उन्होंने कहा कि यदि यह प्लान विदिशा में प्रारंभ होता है तो नगर पालिका को जलकर में इजाफा होगा।

यह है पीपीपी प्लान

प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के तहत चयनित  नगर पालिकाओं की जल सप्लाई निजी हाथों में सौंपी जाएगी, लेकिन नियंत्रण शासन का रहेगा। इसमें निजी कंपनी नगरीय क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था, उसकी वसूली, पानी की उपलब्धता, अवैध नल कनेक्शन संभालेगी। जिस घर में जितने पानी की खपत होगी उसके हिसाब से राशि वसूली होगी।

70 फीसदी नहीं भरते बिल

सीएमओ ने कहा कि शहर में 10 हजार उपभोक्ता है, लेकिन इसमें से केवल 70 फीसदी लोग पानी का बिल नहीं चुकाते हैं। उन्होंने कहा कि एक उपभोक्ता को पानी उपलब्ध कराने में 300 रुपए खर्च होते हैं, पर उनसे 80 रुपए लिए जाते है। इससे नगर पालिका को घाटा होता है। जिससे लगातार जलकर का बकाया बढ़ता जा रहा है।

यह होगा फायदा

अभी तक होता है यह है कि पानी की कमी होने के बावजूद भी संबंधित निकाय व उसके अंतर्गत आने वाले हजारों लोग पानी की उपयोगिता नहीं समझ पा रहे। इससे जरुरत से अधिक पानी बर्बाद हो रहा है। लेकिन पीपीपी प्लान को जमीन पर उतरने के बाद लोग, जरुरत के मुताबिक पानी खपत करेंगे। क्योंकि उपभोक्ता जितना ज्यादा पान खर्च करेगा। इसको उतना ही बिल चुकाना पड़ेगा। इससे पानी बचत के साथ निकायों में फैले अवैध नल कनेक्शनधारियों पर भी रोक लगेगी।

नगर पालिका को होगा फायदा, लोग समङोंगे पानी का मोल

यदि पीपीपी प्लान को लागू किया जाता है तो अच्छी बात है। इससे लोग पानी का मोल समझ सकेंगे साथ नगर पालिका को राशि से फायदा भी होगा। शिवपुरी में इस प्लान को मैं शुरू करके आया हूं। इस प्लान में विदिशा भी शामिल है, निर्देश मिलने पर इस प्लान को लागू कर दिया जाएगा। 

आरके कार्तिकेय, 
सीएमओ, नगर पालिका विदिशा


(सेंट्रल डेस्क)