सरस्वती विद्यापीठ में व्यक्तित्व विकास वर्ग शिविर संपन्न


शिवपुरी-सरस्वती विद्यापीठ शिवपुरी में 15 से 22 अप्रैल तक चले व्यक्तित्व विकास वर्ग में भैया बहिनों ने एक से बढ़कर एक कलाओं का प्रदर्शन के साथ-साथ अनुभवी शिक्षकों से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस व्यक्तित्व विकास वर्ग में 8 विभाग तथा 14 जिलों के 27 विद्यालयों में से 94 भैया ने भाग लिया। इन भैया बहिनों को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक प्रमुख राजकुमार जैन एवं शिवपुरी विभाग के विभाग प्रचारक चेतन भार्गव जी का भी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इस वर्ग में विद्या भारती के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं हिम्मत सिंह जामलिया विद्यालय व्यवस्थापक नीलेश चतुर्वेदी एवं विभाग समन्वयक राजेन्द्र परमार तथा सुनील दीक्षित ने महाप्रबंधक के रूप में अपनी भूमिका का निर्वाह किया।
इस व्यक्तित्व विकास वर्ग 19 अप्रैल को जुनून एडवेंचर्स भोपाल का समूह प्रशिक्षार्थियों बीच था जिन्होंने अनेक साहसिक एवं मनोरंजक खेलों के द्वारा भैयाओं को जी प्राप्त करने एवं सामूहिक प्रयत्न से आगे बढऩे हेतु प्रेरित किया। वहीं प्रतिदिन 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक की व्यवस्था दिनचर्या में भैयाओं ने विभिन्न सत्रों में अनेक विषयों का प्रशिक्षण लिया। प्रतिदिन योग-प्राणायाम, ड्रिल, मार्शल आर्ट, पिरामिड, साहसिक प्रदर्शन, रोप मलखम्ब एवं समता का अभ्यास भैयाओं ने किया। 

बॉसकेट बॉल, फुटबॉल, बालीबाल, खो-खो, बैडमिंटन, टेबिल टेनिस आदि खेलों की बारीकियां जानने का प्रयत्न भी किया। विशेष कक्षाओं में लेखन कला, वक्तृत्व कला, चित्रकला, हस्तकला, नाटक, अभिनय, नृत्य एवं संगीत विषयों का भी अभ्यास हुआ। उपरोक्त विधाओं में प्रारंभिक ज्ञान प्राप्त करने के अतिरिक्त कक्षा सज्जा, लेआउट, डायरी लेखन, पत्र लेखन, बुद्धि विकास के खेल एवं हस्त लिखित पत्रिका के माध्यम से अपने व्यक्तित्व में निखार लाने का प्रयत्न भी भैयाओं ने किया।
 

विकास वर्ग 62 बहिनों ने भी लिया भाग

20 विद्यालयों से 62 बहिनें सम्मलित हुई बहिनों के प्रशिक्षक के रूप में एक पूर्व छात्र एवं 3 वर्तमान छात्रा 1 प्रधानाचार्य दीदी एवं 1 आचार्य तथा 3 संरक्षक पूर्ण समय उपस्थित रहे। बहिनों के व्यक्तित्व विकास वर्ग की संपूर्ण दिनचर्या भैयाओं के व्यक्तित्व विकास वर्ग के अनुरूप ही थी। 20 अप्रैल 2012 को जुननू एडवेंचर्स भोपाल का समूह बहिनों के बीच था इस बार टीम जुननू के साथ अपने प्रशिक्षक भैया एवं बहिनों का समूह भी जुड़ गया। जिनकी संख्या 7 थी। टीम जुनून को सभी गतिविधियों का संचालन एवं सहयोग अपने भैया एवं बहिनों एवं आचार्यो ने करने का प्रयत्न किया।