शिवपुरी में हत्यारा खदान माफिया, फारेस्ट गार्ड की हत्या, हाईवे जाम

अशोक सम्राट/राकेश डागौर
शिवपुरी। बीते कुछ समय पूर्व ही खदान माफियाओं का शिकार बने मुरैना आईपीएस नरेन्द्र कुमार की मौत का मामला अभी ठण्डा भी नहीं हो पाया था कि उसके बाद आए दिन खदान माफियाओं के हमले और तेज हुए। जिसमें शिवपुरी के कोलारस क्षेत्र में पुन: इसी तरह घटना बैरसिया के समीप हुई जहां एक एसडीओ को खदान माफियाओं ने कुचलने का प्रयास किया किन्तु समय रहते वह बच गए और आरोपी पुलिस की हवालात में पहुंचे। इन घटनाओं के बाद भी खनन माफियाओं के बुंलद हौंसलों को आज तक नहीं दबाया जा सका है जिसका परिणाम यह हुआ कि 30 मार्च को फिर एक फॉरेस्ट गार्ड विशाल प्रभाकर खदान माफियाओं का शिकार हो गया।
 इस वनपाल ने खदान माफियाओं को किसी भी तरह के अवैध कारोबार को रोकने का भरसक प्रयास किया जिसके चलते खदान माफियाओं ने इस वनपाल को ही रास्ते पर हटा दिया। वहीं मृतक वनपाल विशाल प्रभाकर के परिजन भी इस बात को स्वीकार करते है कि विशाल हमेशा खदान माफियाओं के खिलाफ  था और इसके लिए उसे दबाने का प्रयास वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी किया। अपने कार्य के प्रति ईमानदारी बरतते हुए विशाल ने इन खदान माफियाओं का विरोध किया और आखिरकार खदान माफियाओं ने उसकी जान लेकर ही दम लिया।

विभागीय अधिकारी मिले हुए हैं माफिया से

इस मामले में विभाग के डिप्टी रेंजर महेश शर्मा एवं दिनेश गोयल तथा शिवपुरी रेंज के अवस्थी को इस हत्याकाण्ड में शामिल होने के आरोप भी परिजनों द्वारा लगाए गए। घटना के विरोध में 31 मार्च को परिजनों द्वारा झंासी रोड पर शव रखकर चक्काजाम कर न्याय की गुहार लगाई। जहां आरोपी के रूप में वन विभाग के अधिकारियों व खदान माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही होने के लिए आन्दोलन किया। पुलिस की समझाईश के बाद यह जाम खुला और  शव को पीएम के लिए भेजा।

ऑन ड्यूटी गोली मार दी माफिया ने

खदान माफियाओं के बढ़ते हौंसलों को रोकने की हिमाकत करने वालों को बड़ी मुश्किलों से अपनी जान बचानी पड़ती है कुछ ऐसा ही हुआ विशाल प्रभाकर पुत्र देवीलाल प्रभाकर निवासी अंबेडकर कॉलोनी के साथ जो वन विभाग में वनपाल के रूप में पाटखेड़ा एवं बूढ़दा में पदस्थ था। बीते तीन दिनों से गायब वन पाल विशाल की लाश उसी के ड्यूटी क्षेत्र पाटखेड़ा के समीप हाईवे से 15 मीटर की दूरी पर पुलिस को मिली। जिसे देखकर पता चला कि विशाल की गोली मारकर हत्या की गई है किन हत्यारों ने उसे मौत के घाट उतारा यह तो ज्ञात नहीं हो सका लेकिन संभावना जताई जा रही है कि खदान माफियाओं का विरोध करना विशाल को महंगा पड़ा। इस मामले में वन विभाग पर भी उंगली उठाई गई है।

डिप्टी रेंजर ने अर्जेन्ट ड्यूटी के नाम पर बुलाया था विशाल को

विशाल के परिजनों ने इस हत्याकाण्ड में वन विभाग के डिप्टी रेंजर महेश शर्मा, दिनेश गोयल व शिवपुरी रेंजर अवस्थी के शामिल होने के आरोप खुलकर लगाए। विशाल के पिता देवीलाल ने इस संबंध में बताया कि 28 मार्च को दोप.12 बजे अपने कार्यालय से वर्दी लेने आया था फिर शाम 5 बजे घर पहुंचा था इसके बाद शाम 7:30 बजे लगभग उसके मोबाईल पर फोन आया तो बताया कि डिप्टी रेंजर महेश शर्मा ने अर्जेन्ट डयूटी पर बुलाया है इसके बाद विशाल खाना खाकर वर्दी पहनकर ड्यूटी के लिए निकल गया, कुछ देर बाद विशाल की पत्नी ने ने 8:45 बजे फोन लगाया तो बताया अभी ड्यूटी पहुंचने वाला हॅंू उसके पुन: फोन लगाया तो मोबाईल बंद पाया।

पुलिस ने नहीं की थी तलाश, परिजनों को मिली लाश

देर रात्रि को मोबाईल बंद होने व सुबह तक विशाल का लौटकर ना आना जानकर परिजनों ने पुलिस थाना देहात में गुमशुदगी की रिपोर्ट की। इसके बाद दिन में 2 बजे पुलिस के साथ जब परिजन विशाल की डय़ूटी वाले क्षेत्र में पहुंचे तो वही झांडिय़ों में रोड किनारे विशाल का रक्त रंजित लाश देखकर परिजनों के होश उड़ गए। पुलिस ने मौके से विशाल की बाईक, कट्टा, जिंदा कारतूस बरामद किया है। इस घटना में विशाल के परिजनों ने खदान माफियाओं और वन विभाग के अधिकारियों पर विशाल की हत्या के आरोप लगाए। इस घटना के बाद आज सुबह मृतक विशाल के परिजनों ने झांसी रोड पर शव रखकर जाम लगाया जिसे बमुश्किल कार्यवाही का आश्वासन देकर हटाया गया।

दो माह पूर्व विशाल को घर जाकर धमकाया था अधिकारियों ने

अपने कार्य के प्रति समर्पित रहने के बाद भी विशाल को बीते दो माह पूर्व वन विभाग के डिप्टी रेंजर ने विशाल के घर पहुंचकर परिजनों के सामने ही जमकर लताड़ गई। यह बात विशाल के पिता देवीलाल ने एक ज्ञापन के माध्यम से प्रेस को बताई। देवीलाल ने बताया कि डिप्टी रेंजर महेश शर्मा व दिनेश गोयल हमारे घर आए और विशाल के साथ गाली-गलौज व जातिसूचक गालियां दी इसके साथ-साथ उसे निलंबन करने तक की धमकी दे डाली थी तथा उसका मोबाईल भी छुड़ा ले गए। विशाल पर रात्रि गश्त की डयूटी के लिए दबाब डाला जा रहा था जिसके चलते वह प्रतिदिन रात्रि डयूटी जा भी रहा था। इस दौरान विशाल का डिप्टी रेंजर महेश शर्मा, कोठारी वन रक्षक तथा लालाराम सरपंच से भी विवाद हुआ था।

तीन डिप्टी रेंजरों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग

मृतक वनपाल विशाल पुत्र देवी लाल प्रभाकर ने मुख्यमंत्री के नाम एक शिकायती आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की है। जिसमें उन्होंने वन विभाग के डिप्टी रेंजर महेश शर्मा, दिनेश गोयल व शिवपुरी रेंज के अवस्थी तथा खदान माफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने, विशाल प्रभाकर वन रक्षक की मृत्यु अपने कर्तव्य पर उपस्थित होकर खदान माफियाओं द्वारा हत्या की गई लिए उसे शहीद का दर्जा दिए जाने, विशाल के निराश्रित परिजनों को पेंशन, अनुकम्पा व मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि के साथ-साथ मृतक परिवार तथा आश्रितों को आर्थिक सहायता की मांग की गई है।

मुझे न्याय चाहिए : अंजना

बिलखती मृतक की पत्नी एवं परिजन
वन पाल के रूप में पदस्थ विशाल प्रभाकर की गोली मारकर हुई हत्या में मृतक की पत्नी अंजना प्रभाकर ने भी इस मामले में वन विभाग के ही अधिकारियों पर आरोप लगाए। मृतक की मौत के बाद जब शव रखकर परिजन न्याय की गुहार लगा रहे थे तभी अंजना ने भी मीडियाकर्मियों के समक्ष न्याय की गुहार लगाई और कहा कि कुछ दिनों पूर्व वन विभाग के अधिकारी हमारे घर आए और विशाल को थप्पड़ भी मारा था। विशाल की मौत के बाद उसकी पत्नी अंजना सहित पूरा परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरा परिवार न्याय की गुहार  लगा रहा है।

पीएम हाउस पर पहुंचे अधिकारी

मृतक विशाल की मौत के बाद पीएम हाउस पहुंचे वन विभाग के अधिकारी
मृतक वन पाल विशाल प्रभार की मौत की खबर से सनाके में पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने घटनास्थल पर जाने की जहमत तो नहीं उठाई लेकिन वह मृतक विशाल की लाश जब पीएम हाउस पहुंची तो वहां वन विभाग के अधिकारी आर.डी.मेहला सहित अन्य वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अवश्य पहुंच गए। यहां इन अधिकारियों ने मृतक के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए उन्हें हर संभव सहायता देेने का आश्वासन दिया।
एसपी को सौंपा कार्यवाही के लिए ज्ञापन
मौके पर पहुंचे एसपी आरपी सिंह व एसडीओपी कार्यवाही का आश्वासन देते हुए
मृतक वन पाल विशाल प्रभाकर की संदिग्ध परिस्थितियों में मिली लाश को पुलिस भी संजीदा है। घटनास्थल के बाद जब विशाल की लाश घर पहुंची और परिजनों ने इस मामले में वन विभाग के ही अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग के लिए शव रखकर जाम लगाया। तब मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक आर.पी. सिंह एवं एसडीओपी संजय अग्रवाल, देहात थाना टीआई विजय काले ने मृतक के परिजनों को हर संभव कार्यवाही की बात कही। इस अवसर पर मृतक के पिता, भाई एवं पत्नी ने भी एसपी से वन विभाग के अधिकारियों पर हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए। पुलिस अधीक्षक ने ज्ञापन लेकर एसडीओपी को जांच के लिए आदेशित किया। 

इनका कहना है-यह मेरा कर्मचारी है और मैं प्रभारी हॅंू विशाल की नाईट डयूटी थी और जब वह डयूटी पर नहीं पहुंचा तो हमने उसे ढूंढवाया लेकिन वह नहीं मिला और बाद में पुलिस को विशाल की लाश मिली जिसकी सूचना मुझे दी गई। इसके आगे मैं कुछ नहीं कह सकता।
महेश शर्मा
डिप्टी रेंजर शिवपुरी


मृतक विशाल प्रभाकर व जाम करते हुए मृतक के परिजन व नागरिक