शिवपुरी में कागजों में बंट रहीं हैं इंदिरा आवास कुटीरें

संजीव पुरोहित
शिवपुरी-शासन की योजना का लाभ लेने वाले हितग्राहियों को दरकिनार कर संपूर्ण जिले भर में कुटीरों के नाम बंटने वाले बटौने में न केवल जनप्रतिनिधि बल्कि अधिकारी-कर्मचारी तक अपना-अपना हिस्सा लेने में लगे हुए है। अभी बीते कुछ दिनों पूर्व जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में जब इंदिरा आवास कुटीरों के बारे में जानकारी सामने आई कि कई जगह तो इंदिरा आवास के तहत आवंटित होने वाली कुटीरें ही पात्र हितग्राही को नहीं मिली वहीं कई जगह इंदिरा आवास कुटीरों का निर्माण कागजोंं में दर्शाकर राशि हड़प कर ली गई। अंचल की कई ग्राम पंचायतों में इस तरह के कार्यों को आसानी से देखा जा सकता है।
शिवपुरी जिले के पिछोर, पोहरी, करैरा, शिवपुरी, नरवर, कोलारस, बदरवास एवं अन्य क्षेत्रों में शासन की योजनानुसार पात्र हितग्राही को इंदिरा आवास के तहत आवंटित की गई कुटीरें कहीं से कहीं तक नजर नहीं आती। यहां इन कुटीरों के लिए मिलने वाली राशि को भी  स्वयं विभागीय अधिकारी ही खुर्द-बुर्द कर रहे है साथ ही ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को मिलने वाली इन कुटीरों का लाभ सरपंच-सचिव मिलकर ले रहे है। जिला पंचायत सीईओ ने भी सख्त निर्देश दिए हैकि किसी भी प्रकार से यदि कुटीर आवंटन में गड़बड़ी पाइ्र जाती है तो संबधित के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी लेकिन यहां आंकड़ों पर गौर किया जाए तो स्वयं सीईओ महोदय भी अचंभित रह जाऐंगे। संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी कागजी घोड़े दौड़ाकर कुटीरों के आवंटन की राशि लेकर हिस्सेदारी के स्वरूप में बांटकर स्वयं के निजी स्वार्थों को पूरा कर रहे है। कई जगह तो फर्जी कुटीरें आवंटित करा ली गई तो कई जगह कुटीरों को कागजों में दर्शाकर भुगतान प्राप्त किया गया। ऐसे कई उदाहरण जिले भर में देखने को मिल जाऐंगे। जिले के पिछोर क्षेत्रांतर्गत आने वाले ग्राम चमरौआ में तो 14 फर्जी कुटीरों की जानकारी सामने आई है यहां कुटीरों के नाम पर बनाए जाने वाले घरोंदों को इंदिरा आवास का नाम देकर इन्हें मिली राशि को हड़प कर लिया गया। वहीं ग्राम पंचायत आमवाय में 9 कुटीरें आवंटित की गई लेकिन यहां भी यही हाल नजर आया। इसकी शिकायत स्थानीय खनियाधाना जनपद सीईओ से की गई तो उन्होंने मौका भांपते हुए तुरंत जांच दल भेजा। लेकिन जब जांच दल ने रिपोर्ट दी तो सभी कुटीरों का आवंटन सही-सही पाया गया। कागजी घोड़े दौड़ाकर कुटीर आवंटन की राशि को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है परन्तु मजाल है कि शासन को यह सब नजर आए।

जनपद सदस्य की भी नहीं हुई सुनवाई 
पिछोर क्षेत्र में जनपद सदस्य पर्वत सिंह लोधी ने ग्राम पंचायत चमरौआ में आवंटित की गई इंदिरा आवास के तहत कुटीरों की शिकायत जब जनपद खनियाधाना सीईओ से की तो उन्होंने भी आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की जबकि ग्राम पंचायत चमरौआ व अमवाय में कई कुटीरें आवंटित तो कर दी गई लेकिन इनका वाजिब हक लेने वाले आज भी इन्हें पान को दर-दर की ठोंकरें खा रहे है। जनपद सदस्य पर्वत सिंह लोधी ने पूर्व में भी तत्कालीन कलेक्टर राजकुमार पाठक को लिखित रूप से जनसुनवाई में भी कुटीरों की शिकायत की परन्तु तब भी यहां कोई परिणाम निकलकर सामने नहीं आया और तब से लेकर आज तक कुटीरों को मिलने वाली राशि को खुर्द-बुर्द कर इस राशि को विभागीय अधिकारी एवं सांठगांठ के चलते हड़प ली गई है। यहां ग्राम पंचायत गूढऱ, निबौदा में एस.के.शर्मा एई व एक सब इंजीनियर संविदा पर तैनात था लेकिन यहां की गई गड़बडिय़ां में जहां संविदा सब इंजीनियर को हटा दिया तो वहीं इंजीनियर एस के शर्मा को भी हटाया था लेकिन इन्होंने कुछ समय बाद ही बहाली आदेश लेकर फिर से अपनी पदस्थी कर ली। अपै्रल 2011 से कई ग्रामीणजनों ने खनियाधाना सीईओ राजधर पटैल को लिखित रूप से अपनी समस्याओं के बारे में अवगत कराया लेकिन पैसा और सांठगांठ के चलते यहां किसी भी प्रकार से समस्या का हल तो नहीं हुआ बल्कि ग्रामीणों को मिलने वाली योजनाओं का जरूर बंटाढार हो गया। क्षेत्र में कृषि स्थाई समिति में सभापति करण सिंह लोधी है और यहीं झालोनी में मछली पालन कमेटी गठित भी कर दी गई जिसमें अवस्थी लिपिक पर अनैतिक रूप से गलत कार्य करने का दबाब जनपद सीईओ द्वारा डाला गया। यहां जनपद सदस्य पर्वत सिंह लोधी का कहना हैकि वह जनपद पंचायत खनियाधाना में सीईओ सहित लगभग 50 लोगों पर विभिन्न मामलों को लेकर एफआईआर दर्ज कराऐंगे।

इनका कहना है
जनपद सीईओ खनियाधाना अखण्ड भ्रष्टाचार में डूबे हुए है यहां का तकनीकिशियन स्टाफ में व्ही.के.सक्सैना सब इंजीनियर और राजधर पटेल सीईओ की तानाशाही से भ्रष्टाचार सरेआम किया जा रहा है जिससे अंचल में विकास कार्य ठप्प पड़ा हुआ है इनके विरूद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक है तभी योजनाओं का विकास हो सकेगा।
 
रागिनी विजय भारद्वाजउपाध्यक्ष
जनपद पंचायत खनियाधना