न एम्बूलेंस, न एक्स-रे, बोर्ड पर लिखा है अस्पताल

सन्तोष कुमार शर्मा
पोहरी-जिले की सबसे बडी तहसीलों में शुमार पोहरी तहसील मुख्यालय में ही स्वास्थ सेवाओं की हालत खस्ता है, यहां मरीजों के लिये न तो भर्ती करने के लिये बिस्तरों की व्यवस्था है और ना ही इलाज के लिये विशेषज्ञ चिकित्सकों की। हालात यह है कि पोहरी से यदि किसी गंभीर मरीज को जिला चिकित्सालय भेजना है तो उसके लिये एम्बूलेंस भी नहीं है। एक्सरे मशीन भी सालों से बंद पडी हुई है। सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पर मूलभूत सुविधाओं का भी आभाव है जिन्हे दूर करने के लिये अभी तक कोई प्रयास नहीं किये गये हैं।

एक्स-रे और एम्बूलेंस भी नहीं

सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पोहरी में न तो मरीजों को एक्स-रे की सुविधा है और न ही एम्बूलेंस की। पिछले दो साल से पोहरी केन्द्र की एम्बूलेंश महज टायरों के लिये राशि न हाने के कारण शिवपुरी जिला चिकित्सालय परिषर में पडी हुई है। ऐसे ही एक्स-रे मशीन भी कई वर्षों से बेकार है अब बीएमओ द्वारा नई मशीन के लिये शासन को प्रस्ताव भेजा गया जिसका पता नहीं कब तक स्वीकृति मिलेगी और मरीजों को एक्स-रे कराने के लिये शिवपुरी भागना होगा।

जरूरत के हिसाब से नहीं है मरीजों के बिस्तर

पोहरी ब्लॉक की आबादी तो दो लाख से ऊपर है परंतु स्वास्थ सुविधाओं के नाम पर वर्तमान में महज दस बिस्तरों के अस्पताल से ही काम चल रहा है, जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर नियमानुसार कम से कम तीस बिस्तरों की व्यस्था होनी चाहिये। परंतु आबादी का दबाब एवं दुर्घटनाओं की संख्या में हो रही वृध्दी के सामने वर्तमान सुविधायें ना काफी है।

नहीं है कोई भी स्त्रीरोग विशेषज्ञ

स्त्री रोग विशेषज्ञ के आभाव में प्रसव सुविधा के दौरान होने वाली गंभीर स्थिति से निपटने में पोहरी अस्पताल सक्षम नहीं है यहां के हालात यह है कि यदि अकस्मात किसी प्रसूता को यदि आपरेशन द्वारा प्रसव की आवश्यकता पड़े तो पोहरी से शिवपुरी के लिये रेफर किया जाता परंतु यदि रास्ते में लगने वाले समय और जिला अस्पताल की व्यस्थाओं में कुछ पल की देरी से प्रसूता की जान पर आफत बन आती है। यहां स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ के साथ ही एनेस्थीसिया विशेषज्ञ का पद तो है परंतु किसी भी चिकित्सक की यहां पदस्थी अभी तक नहीं की गई है। जिसके कारण कई बार जननी की जान पर ही आफत बन आती है।

पोस्ट सात और उपलब्ध तीन

पोहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर वर्तमान में चिकित्सकों के ७ पद स्वीकृत हैं परंतु वर्तमान में केवल तीन ही चिकित्सक यहां पर अपनी सेवाऐं दे रहे हैं। जिसमें बीएमओ के चार्ज में चं्रदशेखर गुप्ता, डा दिनेश अग्रवाल एवं संविदा डा यहां पर वर्तमान में एक स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ, एक पद शिशुरोग विशेषज्ञ साथ ही एनेस्थीसिया का रिक्त होने के कारण मरीजों को अपने इलाज के लिये जिला चिकित्सालय तक की परेड करनी पड़ती है।