अंचल में रेलवे एवं अन्य सुविधाएं बढ़ाने लोकसभा पटल पर कई मांगें

शिवपुरी. ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया ने रेल बजट की चर्चा में भाग लेते हुए जहां अपने संसदीय क्षेत्र ग्वालियर की रेलवे से संबंधित अनेक मांगों को सभा पटल पर रखा एवं उन्होंने कहा कि रेल बजट पेश होने के बाद हम पिछले तीन-चार दिनों से देख रहे है कि गठबंधन सरकार को अपना अस्तित्व ही खतरे में नजर आने लगा था। उन्होंने कहा कि पूर्व रेल मंत्री ने बहुत ही साहसिक और सोच समझकर कदम उठाए है जो रेलवे के पुर्नरूद्वार के लिए बहुत ही आवश्यक थे। रेल मंत्री श्री त्रिवेदी द्वारा लंबे समय बाद रेल किराये में जो मामली सी वृद्धि की है वह शायद अपनी पार्टी की आम आदमी की लाईन से ऊपर उठकर ये ठोस कदम उठा पाए है। जिससे रेलवे को सात हजार करोड़ रूपये की आय वृद्धि होगी।
सांसद यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि पिछले सालों से प्रति वर्ष जो बीस हजार करोड़ रूपये का नुकसान रेलवे को हो रहा था  उसमें थोड़ा सुधार की गुंजाइश बनती दिखती है लेकिन रेलवे अपने अतीत एवं यर्थाथवादी तस्वीर से वशीभूत है मैं सीधे और सरल शब्दों में कहना चाहती हॅंू कि, क्या यह सम्मानित सदन भविष्य में इस तरह की गठबंधन सरकारों पर अपना दबाब बनाकर अपना राजनीतिक रास्ता बनाना चाहेगा। जो रेलवे पहले ही आईसीयू में गया हुआ है उसे बाहर निकालने के लिये कोई न कोई रास्ता तो बनाना ही होगा। 

क्या  नये रेल मंत्री यह साहसिक कार्य कर पायेंगे। क्या ममता बनर्जी द्वारा विजन 2020 का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। इन सब के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में 7 लाख करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें सार्वजनिक एवं निजी सहभागिता के तहत 1.26 लाख करोड़ की व्यवस्था, रेलवे ने अपने तीन निजी निवेश मात्र 13 हजार करोड़ रूपये कमाये है जबकि रेलवे को अपने 129 परियोजनाओं के लिये 1.25 लाख करोड़ रूपये चाहिए। रेलवे की ओवरहाल मरम्मत जिसमें सुरक्षा एवं आधुनिकीकरण के लिये कम से कम 10 हजार करोड़ रूपये की आवश्यकता है। तब हम अपन जनता आने वाले भविष्य को सुरक्षित, सुगम एवं सफल यात्रा उपलब्ध करा सकेंगे। 

माननीय सांसद यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर उत्तर एवं दक्षिण भारत का मुख्य केन्द्र बिन्दु है जहां से देश की प्रमुख रेल गाडिय़ां प्रतिदिन गुजरती है। सैकड़ों देशी एवं विदेशी यात्री ग्वालियर से प्रदेश एवं देश के अन्य क्षेत्रों की यात्रा करते है। पूर्व में ग्वालियर रेलवे स्टेशन एवं प्लेट फार्म क्रं.4 को मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित किये जाने हेतु सम्मिलित किया गया था। इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली आधुनिक सुविधाऐं अभी तक नहीं मिली है जैसे कि, माननीय रेलमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि देश के 100 रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट जैसे बनाया जावेगा। उस श्रेणी में ग्वालियर स्टेशन को भी शरीक किया जाना चाहिए। ग्वालियर रेल्वे स्टेशन का सर्कुलेटिंग एरिया अभ्ी तक विकसित नहीं हुआ है। उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले बिरला नगर एवं रायरू रेलवे स्टेशन पर विकास कार्य बजट अभाव में 2-3 वर्ष से बंद पड़े है। विगत 62 वर्षों में मध्यप्रदेश में नई रेल लाईन डाले जाने के कई प्रस्ताव अधर में पड़े हुए है।

मप्र पर्यटन की दृष्टि से देश का प्रमुख प्रदेश है। जिसके लिए ग्वालियर रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों में इमरजेंसी आरक्षण कोटा बढ़ाया जाना चाहिए। शताब्दी एक्सप्रेस में विदेशी पर्यटकों की सुविधा हेतु कांटीनैटल नाश्ता एवं भोजन की सुविधा बढ़ाई जानी चाहिए। जिससे ज्यादा से ज्यादा विदेशी पर्यटक आकर्षित हो सके। गाडिय़ों की अधिकता को देखते हुए(अप ट्रेक) नई दिल्ली से मथुरा तक एवं(डाउन ट्रेक)भोपाल से बीना रेलवे स्टेशन तक थर्ड लाईन डाली जा चुकी है परन्तु बीना से झांसी एवं ग्वालियर होते हुए आगरा एवं मथुरा तक अभी थर्ड लाईन न होने से रेल यातायात में बड़ी असुविधा होती है। बीना से मथुरा तक थर्ड लाईन का कार्य पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।  

उक्त कार्य शुरू न होने के कारण क्षेत्र के लोगों को बड़ी असुविधा हो रही है। सरकार से आग्रह हे कि बीना से मथुरा तक थर्ड लाईन का कार्य शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए। ग्वालियर प्रदेश का व्यापारिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से प्रमुख शहर बनता जा रहा है। इसलिए ग्वालियर से श्योपुर तक चलने वाली नैरोगेज टे्रन को ब्राडगेज में परिवर्तित किये जाने हेतु योजना 8 वर्ष से लंबित है। ग्वालियर-झांसी रेल मार्ग पर सिमिरिया ताल रेलवे स्टेशन पर एवं डबरा रेलवे स्टेशन पर जेल रोड से आगे अंडर ब्रिज निर्माण का कार्य लंबित है। जिन्हें शीघ्र शुरू किये जाने की सख्त आवश्यकता है। ग्वालियर रेलवे स्टेशन से दिल्ली की ओर एवं झांसी की ओर जाने वाली गाडिय़ों को बढ़ाए जाने की भी बात भी कही।