मेरे साथी शिक्षकों ने सेक्सुअल रिलेशन के लिए प्रेशर बनाया


शिवपुरी। जिले के खनियाधना विकासखण्ड में शा.उ.मा.विद्यालय मुहारीकलां में पदस्थ महिला शिक्षक को बीते कई वर्षों से शारीरिक व मानसिक प्रताडऩा दी जा रही है। इस मानसिक प्रताडऩा से आहत शिक्षिक न्याय की गुहार लगाकर बैठी है और उसे विश्वास है कि न्याय उसे मिलकर ही रहेगा ओर आरोपी अन्य शिक्षक जिन्होंने इसे विभिन्न प्रलोभन देकर राजनीमे पर दबाब बनाया वह एक दिन सजा के हकदार होंगे। खनियाधाना के इस विद्यालय के जिन शिक्षकों ने महिला से छेडख़ानी व अश्लील सामग्री भेजकर उसके अनैतिक संबंध बनाने का दबाब बनाने का प्रयास किया लेकिन वह अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पाए।  
मामले को लेकर न्यायालय के समक्ष अन्य शिक्षकों ने माफीनामा देकर अपनी गलती स्वीकार कर ली परन्तु एक शिक्षक उपेन्द्र जैन जिसे न्यायालय में माफीनामा पेश करना था वह ऐन वक्त पर पलट गया और अब इस महिला शिक्षिका को इस मामले में राजनीमा करने के लिए जान से मारने की धमकी देकर दबाब बनाने में लगा हुआ है।

जानकारी के अनुसार यहां बता दें कि यह मामला 30 जुलाई वर्ष 2009 का है। जहां शा.उ.मा.वि. मुहारीकलां में पदस्थ शिक्षिक श्रीमती रेणुका श्रीवास्तव  को उसी विद्यालय के शिक्षकों उपेन्द्र जैन, अभिषेक जैन, संकेत जैन आदि द्वारा मारपीट एवं छेडख़ानी की गई। इस मामले में आज न्यायालय में माफीनामे के लिए पेशी की थी परन्तु अन्य सभी शिक्षकों ने माफीनामा करार दे दिया लेकिन उपेन्द्र जैन शिक्षक ने ऐन वक्त पर न्यायालय में माफीनामा देना था पर वह पलट गया। इस मामले में तमाम जांचों में शिक्षिका रेणुका श्रीवास्तव निर्दोष साबित हुई है। 

जिसके दबाब में आरोपी माफीनामे पर राजी हुए थे। इस असहाय शिक्षिका को चोरी करवाकर, लाईट काटकर, अश्लील प्रस्ताव देकर, सार्वजनिक रूप से छेडख़ानी आदि के द्वारा मानसिक प्रताडि़त किया जाता रहा है फिर भी यह महिला लगातार लड़ रही है। आरोपियों द्वारा इस महिला शिक्षिका को हर प्रकार से तोडऩे की कोशिश की जा रही है। तमाम तरह की धमकियां देकर मामले में राजनीमे का दबाब आरोपी शिक्षक द्वारा बनाया जा रहा है। इस मामले में पुलिस की भी लापरवाही नजर आती है जहां पुलिस ने इस मामले में पुलिस ने नरमी बरती और शिक्षिकों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की।

न्याय न मिला तो शिक्षिका करेगी आत्मदाह 
अश्लील छेडख़ानी व अनैतिक संबंधों के दबाब को सिरे से खारिज करने वाली शिक्षिका रेणुका श्रीवास्तव ने इस मामले में बताया है कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्मदाह को बाध्य होगी। इस मामले में आरोपी शिक्षकों ने जिस प्रकार से महिला शिक्षिका की फजीहत की है उसके बाद इस शिक्षिकों को हुई मानसिक व शारीरिक प्रताडऩा भी इसी की देन मानी जाएगी। जहां न्याय न मिलने की आस में महिला का कहना है कि वह अपने बच्चों के साथ आत्मदाह करेगी। पीडि़त शिक्षिक ने इस मामले की महिला आयोग, आईजी सहित वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की जहां हर जगह महिला ने जीत हासिल की है। अब न्याय की गुहार पर महिला शिक्षिका डटी हुई है। इसके पूर्व भी मामले को लेकर वर्ष 2009 में भी पीडि़त शिक्षिका ने माननीय राज्यपाल सहित मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री आदि को आवेदन देकर इच्छा मृत्यु की अनुमति भी मांगी थी।

आरोपी शिक्षक बार-बार मुकर रहा बयान से 
गत कुछ दिनों पूर्व 13 फरवरी को माननीय न्यायाधीश महोदय के समक्ष आरोपी शिक्षक उपेन्द्र जैन द्वारा अपनी अश्लील अमर्यादित हरकतों के लिए पीडि़त शिक्षिका श्रीमती रेणुका श्रीवास्तव से लिखित में माफी मांगने एवं मीडिया के समक्ष सार्वजनिक रूप से पैर छूकर आदि माफी मांगने की बात कही। जिसके लिए 16 फरवरी को तारीख तय हुई थी लेकिन वह दिनांक 16 फरवरी को पुन: मुकर गया। इसी तरह से विगत दो वर्षों से शिक्षिका को अनावश्यक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है तथा बार-बार राजीनामा की बात कहकर आज दिनांक तक बयान नहीं होने दिए जा रहे है। एवं पूरे क्षेत्र में शिक्षिका को झूठा बदनाम किया जा रहा है साथ ही राजीनामा के लिए अनैतिक रूप से डराया धमकाया जा रहा है तथा आवेदिका के गवाहों को भी नाना प्रकार से गवाही न देने के लिए मजबूर किया जा रहा है।