शिवपुरी में सिंधिया समर्थकों में शुरू हुई तकरार

शिवपुरी. अपने-अपने आका के प्रति घोर निष्ठावान का स्वांग रचने वाले कार्यकर्ता अब मुंह दिखाई के लिए आगे आने लगे है। यहां बताना होगा कि शिवपुरी में इन दिनों आमोलपठा में हुए सड़क भूमिपूजन को लेकर राजनीति गर्माने लगी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता अपने प्रिय नेता के प्रति घोर निष्ठा जताने से परहेज नहीं कर रहे है। एक ओर जहां भाजपा कार्यालय पर पहले भाजपाईयों ने यशोधरा का गुणगान किया तो वहीं दूसरी ओर इस प्रेस वार्ता के कुछ ही समय बाद कांग्रेस को भनक लग गई तो उन्होंने भी प्रेसवार्ता कर श्रीमंत सिंधिया के प्रति अपना समर्पण भाव दर्शाया और दोनों ही दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने शुरू कर दिए। एक ओर जहां भाजपाईयों ने कांग्रेस को प्रोटोकॉल का उल्लंघना बताया तो दूसरी ओर कांग्रेसियों ने ही भाजपाईयों को प्रोटोकॉल का उल्लंघन के लिए दोषी ठहराया।

बीते दो दिन पूर्व ही शिवपुरी जिले के अमोलपठा क्षेत्र में ग्रामवासियों को सुगम मार्ग उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यहां सड़क मार्ग स्वीकृत हुआ और आनन फानन में कांग्रेसियों ने ही केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंध्ंिाया के आगमन पर 220 करोड़ की लागत से बनने वाली इस रोड का भूमिपूजन करा डाला। इस भूमिपूजन के बाद अब आपस में ही कांगेसी व भाजपाई मुंहवाद की लड़ाई लड़ते नजर आ रहे है। विकास की बात को छोड़ श्रेय लेने की होड़ के लिए दोनों ही दल अपने-अपने पांसे फेंकने में लगे हुए है। यहां अमोलापठा के लिए डलने वाली सड़क का भूमिपूजन कार्यक्रम जब श्री सिंधिया ने कर दिया तो अब पुन: इस रोड का भूमिपूजन कराने के लिए भाजपाई लामबंद्ध हो गए। 

भाजपा कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता के माध्यम से प्रदेश मंत्री ओमप्रकाश खटीक ने साफ-साफ कह दिया है कि यह भूमिपूजन ना तो हुआ है और ना ही होगा क्योंकि क्षेत्रीय जनता ने भी इसे स्वाकार नहीं करती। वहीं यह भूमिपूजन समारोह पुन: किए जाने के लिए भाजपाईयों ने कमर कस ली है और अपने क्षेत्रीय नेता यशोधरा राजे सिंधिया से इस रोड का भूमिपूजन कराया जाएगा। भाजपाईयों का कहना है कि चूंकि यह क्षेत्र ग्वालियर सांसद यशोधरा के क्षेत्र में आता है इसलिए उन्हें ही भूमिपूजन करने का अधिकार है। 

भाजपाईयों के इस कथन के कुछ ही देर बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव ने आनन फानन में प्रेसवार्ता बुलाकर इस मामले का पटाक्षेप किया और कहा कि केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने किसी प्रकार से प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं किया। यह तो स्वयं मप्र ग्रामीण विकास के सचिव द्वारा जारी पत्र से प्रमाणित होता है जहां उन्हें केन्द्र द्वारा स्वीकृत कार्यों का भूमिपूजन करने का अधिकार प्राप्त है। कांग्रेसियों का मानना है कि अमोलपठा का यह सड़क निर्माण केन्द्र सरकार द्वारा 220 करोड़ की लागत से स्वीकृत कराया गया है इसलिए यहां भूमिपूजन श्रीमंत सिंधिया ही करेंगे। इस तरह की हो रही होड़ा-होड़ी अब आगे क्या रंग लाती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।