बीज समितियों को भी मिलेगी निःशुल्क जमीन

मुकेश मोदी
सहकारिता मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा है कि प्राथमिक सहकारी समितियों की तरह ही राज्य सहकारी बीज उत्पादक संघ से जुड़ी बीज समितियों को भी बीज प्रक्रिया केन्द्र एवं गोदाम के लिये निःशुल्क जमीन उपलब्ध करायी जायेगी इसके लिये योजना तैयार कर ली गयी है। सहकारिता मंत्री श्री बिसेन आज भोपाल के अपेक्स बैंक में आयोजित बीज संघ की सातवीं वार्षिक साधारण सभा को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर रजिस्ट्रार सहकारी संस्थायें श्री पी.सी. मीना, प्रबंध संचालक श्री सुशील मिश्रा और बीज संघ से जुड़ी सहकारी समितियों के पदाधिकारी मौजूद थे। प्रदेश में बीज संघ के माध्यम से 593 बीज सहकारी समितियों के लगभग 15 हजार किसान प्रमाणित बीज उत्पादन कार्य में लगे हुये हैं।
राज्य बीज संघ से जुड़ी सहकारी समितियों को बीज प्रक्रिया केन्द्र और गोदाम के लिये मिलेगी निःशुल्क जमीन। वर्ष 2012-13 में खरीफ -रबी सीजन में 96 हजार से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में बीज उत्पादन का कार्यकम। बीज संघ की गतिविधियों के लिये अगले वर्ष 7 नये क्षेत्रीय कार्यालय खुलेगें।

सहकारिता मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये किसानों के हितों में निर्णय लेते हुए कृषि केबीनेट का गठन किया है। उन्होंने कहा कि बीज संघ से जुड़ी हुई बीज उत्पादक सहकारी समितियों के अधोसंरचना विकास के लिये राज्य सरकार द्वारा हरसंभव मदद दी जायगी। श्री बिसेन ने बताया है कि वर्ष 2012-13 के खरीफ व रबी सीजन में कुल 96 हजार 535 हेक्टेयर क्षेत्र में बीज उत्पादन लेने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि बीज संघ को ग्रेडिंग प्लांट सह-गोदाम के लिये 6 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जा रही है। किसानों को दलहनी एवं तिलहनी फसलों के प्रमाणित बीज के उत्पादन पर अनुदान के रूप में कुल 15 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा रही है।

श्री बिसेन ने बताया कि आने वाले वर्ष में बीज संघ के 7 क्षेत्रीय कार्यालयों की विदिशा, होशंगाबाद, देवास, खरगौन, बालाघाट, सागर एवं रीवा में स्थापना की जा रही है। किसान उन्नत बीज पैदा कर सकें, इसके लिये प्रशिक्षण की भी योजना तैयार की गई है। श्री बिसेन ने कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये बीज प्रतिस्थापन की दर को और बढ़ाये जाने पर भी जोर दिया।

बैठक में समितियों के पदाधिकारियों ने बीज अनुदान व्यवस्था को बीज संघ के माध्यम से करने, बीज समितियों के उत्पादन लक्ष्य निर्धारित करने एवं किसानों के लिये बीज की भुगतान प्रक्रिया को और सरल बनाने संबंधी सुझाव भी दिये।