खुलती परतें-शिवराम के प्रदर्शनयुक्त, आत्महत्या के प्रयास की...

त्वरित टिप्पणी
ललित मुदगल
शिवपुरी. विगत दिवस नगर पंचायत कोलारस के सहायक ग्रेड-3 शिवराम जाटव ने नगर पंचायत कोलारस के कार्यालय में सल्फास खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश की। शिवराम जाटव के परिजनों और सहयोगियों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि नगर पंचायत कोलारस के सीएमओ रमेश भार्गव द्वारा शिवराम की पदोन्नति रोके जाने एवं प्रताडि़त करने और पदोन्नति के लिए दो लाख रूपये मांग के कारण यह आत्मघाती कदम शिवराम द्वारा उठाया गया। यह आवेदन स्थानीय मीडिया को जब बांटा जा रहा था जब शिवराम जाटव को जिला चिकित्सालय शिवपुरी के चिकित्सकों ने ग्वालियर चिकित्सालय रैफर कर दिया था। अब यहां एक सवाल का जन्म होता है। शिवराम जाटव के परिजनों और सहयोगियों को शिवराम की जान से ज्यादा सीएमओ रमेश भार्गव पर गंभीर आरोप से भरे प्रेसनोट बांटने में ज्यादा ध्यान दे रहे थे। यही से यह पूरा मामला संदिग्ध प्रतीत होता है।

इस मामले को जानने के लिए हमें कलेक्टर शिवपुरी की जनसुनवाई में पहुंचकर मामले की जानकारी ली तो वहां पता चला कि आवेदन क्रमांक जी./2712/दिनांक 18.10.11 को शिवराम जाटव ने एक आवेदन दिया। इस आवेदन के अनुसार

विषय- पदोन्नति आदेश जारी नहीं करते हुए मानसिक रूप से प्रताडि़त किए जाने की शिकायत एवं पदोन्नति आदेश जारी करने बाबत्।
संदर्भ- कार्यालय उप संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास संभाग ग्वालियर का पत्र क्रमांक/स्था./3 रू 2011/च.स./1552/ग्वालियर दिनांक 25.6.11
इस जनसुनवाई के आवेदन में शिवराम जाटव ने स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि प्रार्थी शिवराम जाटव सहायक ग्रेड-3 नगर पंचायत कोलारस में वर्ष 1977 से कार्यरत होने से पदोन्नति का धारणा अधिकार इसी निकाय में होने से संभागीय उप संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर द्वारा दिनांक 25.11.2011 को जिला चयन समिति की बैठक बुलाई गई। जिसमें सर्वस मति से निर्णय लिया गया कि शिवराम जाटव को मु य सह लेखापाल के पद पर पदोन्नति की अनुशंसा की जाती है और मु य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत कोलारस को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया जाता है। लेकिन प्रार्थी को अभी तक पदोन्नति आदेश जारी नहीं किया गया है जबकि चार माह का समय व्यतीत होने जा रहा है। ऐसी स्थिति में प्रार्थी कभी भी आत्महत्या करने पर उतारू होगा। इस दो पेज के आवेदन में आधा पेज पर यह लिखा गया है। बाकी डेढ़ पेज पर प्रार्थी द्वारा सीएमओ रमेश भार्गव पर जातिगत प्रताडि़त करना एवं पदोन्नति के एवज में रिश्वत के आरोप लगाए गए है।
इस आवेदन के अनुसार शिवराम जाटव ने इस निकाय में वर्ष 1977 से सहायक ग्रेड के पद पर पदस्थ होकर कार्यरत बताया है। लेकिन इनकी जन्मतिथि इनकी अंकसूची के अनुसार 1970 है। मतलब यहां उन्होंने एक वल्र्ड रिकॉर्ड कायम कर लिया है। ये मात्र 7 साल की उम्र से ही नौकरी करने लगे थे यह इस आवेदन में प्रथम शिकायती बिन्दु मिथ्या लिखे है। सूत्रों के अनुसार इन्होंने हाईस्कूल परीक्षा वर्ष 1988 में उत्तीर्ण की है। इसी आवेदन के अनुसार सीएमओ रमेश भार्गव पर यह आरोप लगाया गया कि, मैं प्रार्थी अनुसूचित जनजाति समुदाय का हॅंू एवं मु य नगर पालिका अधिकारी स्वर्ण जाति समुदाय के होने से जान बूझकर पदोन्नति आदेश जारी न कर प्रार्थी को मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। ज्ञात हो कि नगर पंचायत कोलारस में सीएमओ रमेश भार्गव ने दिनांक 13.6.11 को पदभार ग्रहण किया। कार्यभार संभालने के मात्र दो दिवस उपरांत ही दिनांक 16.6.11 का नगर पंचायत कोलारस का पत्र क्रमांक 692 से उपसंचालक महोदय ग्वालियर को शिवराम जाटव का पदोन्नति प्रस्ताव सीएमओ रमेश भार्गव ने ही भेजा था और इस भेजे गए प्रस्ताव पर उपसंचालक नगरीय प्रशासन महोदय ग्वालियर ने 25.6.11 को जिला चयन समिति की बैठक में अपने आदेश पत्र क्रमांक/स्था./3 रू 2011/च.स./1552 के द्वारा सहायक ग्रेड-3 शिवराम जाटव की पदोन्नति सह लेखापाल के रूप में कर दी। इसी पत्र का हवाला शिवराम जाटव ने कलेक्टर शिवपुरी जनसुनवाई में दिया था। इस पत्र के पालन में सीएमओ रमेश भार्गव ने 27.6.11 को कोलारस नपं अध्यक्षा श्रीमती निशा शिवहरे को प्रस्तुत किया गया। सहायक ग्रेड-3 की पदोन्नति का मामला 28.6.11 पीआईसी की बैठक में विशेष अनुमति से उक्त बिन्दु में शामिल किया गया। इस पीआईसी की बैठक में शिवराम जाटव की पदोन्नति के आदेश की स्वीकृति पीआईसी ने नहीं दी।
क्यों नहीं हुआ यह प्रकरण स्वीकृत पीआईसी में 
संकल्प क्रमांक 62/13 दिनांक 28.6.11 द्वारा उपसंचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास का पत्र क्रमांक 1552/ग्वालियर/25.6.11 के क्रम के विचार में प्रकरण प्रस्तुत हुआ। अवलोकन किया गया उप संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर का पत्र क्रमांक/स्था./3/2011/च.स./1552/ग्वालियर/दिनांक 25.6.11 का अवलोकन किया गया। उक्त पत्र में चयन समिति का संकल्प क्रं.10 दिनांक 25.6.11 स निकाय में कार्यरत शिवराम जाटव सहायक ग्रेड-3 वरिष्ठ एवं योग्य पाए जाने से जिला चयन समिति सर्वस मति से शिवराम जाटव को मु य लिपिक सह लेखापाल के पद पर करने की अनुशंसा की है। चूंकि नगरीय प्रशासन मंत्रालय के पत्र क्रमांक स्था./31/3/99/18-1 भोपाल दिनांक 9 जून 99 का पत्र अवलोकन किया गया। इस कारण से श्री शिवराम जाटव सहायक ग्रेड-3 नगर पंचायत कोलारस को मु य लिपिक कम लेखापाल पर पदोन्नति आदेश दिए जाने की स्वीकृति दिया जाना संभव नहीं है। उक्त आशय का संकल्प पारित किया जाता है।
ऐनकेन प्रकरण कुछ भी हो म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 में नगर पालिका सेवा संवर्ग के कर्मचारियों की पदोन्नति पीआईसी निर्णय उपरांत किए जाने का प्रावधान है। बिना पीआईसी संकल्प के आदेश जारी किया जाना किसी भी सीएमओ के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।परन्तु नगर पंचायत केलारस में सहायक ग्रेड-3 शिवराम जाटव को जब यह जानकारी अवश्य ही रही होगी कि पदोन्नति का मामला सीएमओ रमेश भार्गव द्वारा जान बूझकर नहीं रोका गया। बल्कि पीआईसी ने यह मामला संविधान के दायरे में रहकर लटकाया है। अपने राम का तो इस मामले में यही कहना है कि शिवराम जाटव द्वारा जो भी आरोप सीएमओ रमेश भार्गव पर लगाए गए है। वह सब मिथ्या साबित हो रहे है। क्योंकि जब सीएमओ रमेश भार्गव कोलारस पदस्थ हुए तो पदोन्नति की पूरी फाईल उनके कार्यकाल में ही चली। अभी ग्वालियर में शिवराम जाटव की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। वह जल्द ही स्वस्थ हो ऐसी हम कामना करते है। लेकिन प्रशासन भी इस पूरे प्रकरण की जांच कराकर न केवल मामले से पर्दा उठाना चाहता है बल्कि ऐसे मामलों की बारीकी से जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही के लिए भी बाध्य हो ताकि आगामी समय में इस तरह की द्वेषपूर्ण भावना अथवा प्रदर्शनयुक्त नाटक नौटंकी न रची जाए साथ ही जो भी इस प्रकार के मामलों में दोषी है उन्हें सजा मिले तो वह ाी इन प्रकरणों से सबक लें। इस तरह के आत्मघाती कदम से यह प्रतीत होता है कि प्रार्थी ने सीएमओ को अनैतिक कार्य करने के लिए न केवल दबाब बनाया बल्कि उन्हें भी कठघरे में खड़ा करने की धमक देकर कार्य करने पर विवश किया। ज्ञात हो कि कलेक्टर की जनसुनवाई के आवेदन में शिवराम जाटव द्वारा आत्मघाती कदम उठाने की धमकी दे चुके थे।