संतोष शर्मा
पोहरी-जिले के पोहरी चौराहे से लेकर किले के अंदर तक चहुंओर गंदगी का आलम है, हर कहीं कचरे के ठेर और धूल मिट्टी फैली हुई है। इस मार्ग से निकलने वाले राहगीरों को जहां गंदगी परेशान करती है वहीं दूसरी ओर धूल और मिट्टी श्वसन बीमारियों को बढ़ावा दे रही है।
पोहरीवासियों को हर रोज धूल खानी पड रही है, क्योंकि मार्ग में धूल मिट्टी बहुतायत में हैं और इसे साफ कराने की पहल पंचायतों को करनी चाहिये वह चैन से अपने निर्माण कार्यों में व्यस्त हैं। आलम यह है कि राह में हर कहीं घरों का पानी और कीचड फैला हुआ है, जगह-जगह कचरे के ठेर लगे हुये हैं, धूल मिट्टी वाहनों के निकलने के साथ ही हवा में उडने लगती है। जो कि राहगीरों के नाक के जरीये उनके फेफडों तक पहुंच रही है। जिसके चलते लोगों में श्वसन संबंधी बीमारी भी पैदा होने लगी हैं।
धूल मिट्टी से होने वाली बीमारियां
लम्बे समय तक धूल मिट्टी के बीच रहने से मनुष्य में फेंफडों से संबंधित श्वसन रोग पैदा होने लगते हैं जिनमें मुख्य रूप से अस्थमा, एलर्जिक खांसी, स्नोफीलिया, सीओपीडी आदि बीमारी जन्म लेने लगती हैं, आगे चलकर यह रोग गंभीर बीमारी टीबी का रूप ले लेती हैं जिसका इलाज काफी मुश्किल होता है।
लम्बे समय तक धूल मिट्टी के बीच रहने से मनुष्य में फेंफडों से संबंधित श्वसन रोग पैदा होने लगते हैं जिनमें मुख्य रूप से अस्थमा, एलर्जिक खांसी, स्नोफीलिया, सीओपीडी आदि बीमारी जन्म लेने लगती हैं, आगे चलकर यह रोग गंभीर बीमारी टीबी का रूप ले लेती हैं जिसका इलाज काफी मुश्किल होता है।
धूल मिट्टी मुनुष्य के श्वसन तंत्र के लिए काफी घातक है, इसकी वजह से फेंफडों में इंफेक्षन हो जाता है और व्यक्ति बीमारी की चपेट में आ जाता है।
डा चन्द्रशेखर गुप्ता
सीएमओ, पोहरी
डा चन्द्रशेखर गुप्ता
सीएमओ, पोहरी
Social Plugin