नसबंदी के लिये सुबह से खडी महिलायें |
संतोष शर्मा
पोहरी. पोहरी सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पर हर शनिवार को नसबंदी लक्ष्य पूर्ति के लिये महिलाओं के नसबंदी आपरेशन किये जाते हैं, जिसके लिये बीते रोज भी महिलाओं को सुबह से ही बैठा लिया गया परंतु शाम छ: बजे तक आपरेशन शुरू नहीं किये गये। सुबह से शाम तक महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और उनके खाने-पीने की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।
सुबह दस बजे से ही महिलाओं को नसबंदी कराने के लिये प्रेरक लेकर आने लगे थे, दोपहर १२ बजे तक ४० महिलाओं के नसबंदी फार्म भरे जा चुके थे जिसके बाद उनके आपरेशन से पूर्व किये जाने वाली जाँचें भी पूरी हो चुकी थीं परंतु नशबंदी करने वाली टीम नहीं पहुंची। महिलाओं और प्रेरकों के अनुसार सुबह से शाम ६ बजे तक नसबंदी करने वाली टीम नहीं आई जिससे महिलाओं, उनके प्रेरक और परिजनों को खासी परेशानी उठानी पडी क्योंकि नसबंदी कराने आई महिलाओं को रात में गांव जाने के लिये कोई साधन भी उपलब्ध नहीं कराया गया। नसबंदी आपरेशन की टीम ६ बजे पोहरी आई जिसके बाद से ९ बजे तक ऑपरेशन किये गये।
कहां-कहां से आई महिलायें
पोहरी अनुविभाग के दूरस्थ ग्रामों से महिलाओं को पोहरी सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पर लाया गया, जिसमें से कई गांवों की दूरी तो ९० किमी तक है। नसबंदी कराने आई महिलाओं में से कई तो दूरस्थ गांव भैसरावन, गल्थुनी, छर्च, देहदे, परासरी, वेशी, रानीपुरा, टौरिया खालसा, कोल्हापुर, पिपरघार, आंकुर्शी आदि से आई थीं। जिन्हे कि अपने गांव तक जाने में ही ३ से ४ घण्टे का समय लगा।
एसडीएम ने नहीं उठाया फोन, तहसीलदार ने कराई व्यवस्था
पोहरी स्वास्थ केन्द्र पर आपरेशन कराने आई महिलाओं और उनके परिजनों ने परेशान होकर जब विरोध करना शुरू किया तो जनप्रतिनिधि एवं पत्रकारों ने एसडीएम पोहरी को फोन लगाया परंतु एक बार बात करने के बाद दोबारा महोदय ने फोन उठाना ही बंद कर दिया जिसके बाद पोहरी तहसीलदार साहिर खॉन ने फोन पर सूचना देने के बाद तुरंत आकर महिलाओं को आग तापने की व्यवस्था कराई और नसबंदी करने वाली टीम जल्दी आने के लिये कहा। आपरेशन शुरू कराने तक तहसीलदार स्वास्थ केन्द्र पर ही मौजूद रह कर व्यवस्थाओं को देखते रहे।
एक जननी एक्सप्रेस से कैसे छोडा सभी को
पोहरी सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पर आपरेशन कराने आने वाली महिलाओं को उनके गांव तक छोडऩे की जिम्मेदारी भी स्वास्थ विभाग की होती है, परंतु पोहरी सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में महज एक ही जननी एक्सप्रेस है जिससे एक बार में तीन या चार महिलाओं को छोडा जा सकता है। यहां समझ से परे है कि एक वाहन से चालीस महिलाओं को कैसे उनके गांव तक छोडा गया होगा।
क्या कहना है - हमें सुबह आठ बजे से ही घर से प्रेरक लेकर पोहरी आ गये थे परंतु अभी तक आपेरयान नहीं किया गया हैं घर पर बच्चे भी अकेले हैं।
केस नं-2 मचला पत्नि हरिवल्लभ निवासी ग्राम बेरजा
क्या कहना है - हमें आये हुये बहुत समय हो गया पर अभी तक आपरेशन शुरू नहीं किये गये। हमारी कार्यकर्ता भी परेशान है कि आपरेशन करने वाले डॉ नहीं आये हैं।
केस नं-3 मालती जाटव पत्नि अर्जुन निवासी टौरिया ग्राम जागीर
क्या कहना है - मुझे तो हमारी आशा सुबह से ही लेकर आ गई थी, हमारे लिये न तो खाने के कोई व्यवस्था की गई और ना ही बैठने की। सुबह से शाम हो गई इंतजार करते हुये।
इनका कहना है-
आपरेशन करने वाली टीम को आने में देरी हो गई थी जिसके कारण नसबंदी आपरेशन शाम ६ बजे के बाद शुरू हो सके थे।
चंद्रशेखर गुप्ता
बीएमओ, पोहरी
बीएमओ, पोहरी
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