सबसे ज्यादा दूध देन वाली गायों को मिला पुरूस्कार

शिवपुरी. विधायक श्री माखनलाल राठौर ने कहा कि गौपालन के प्रति हमारा रूझान कम हुआ है। इसे बढ़ाने के लिए हमें समाज की सोच में बदलाव लाना होगा तथा गौपालन पर विशेष ध्यान देना होगा। उक्त आशय के विचार श्री राठौर ने कल पशुपालन विभाग जिला शिवपुरी द्वारा आयोजित गोपाल पुरूस्कार प्रतियोगिता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्री जितेन्द्र जैन ने की।


इस अवसर पर प्रतियोगिता में उत्कृष्ट रहीं चार देशी गायों के पशुपालकों को क्रमश: 50 हजार, 25 हजार और 15 हजार रूपये की राशि तथा सांत्वना पुरूस्कार के रूप में 1100 रूपये की राशि प्रदाय की गई।

गा्रम बड़ौदी में गौपाल पुरूस्कार प्रतियोगिता के कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए विधायक श्री राठौर ने कहा कि गौमाता का समाज में विशेष महत्व है। गाय के दूध में रोगों से लडऩे की प्रतिबंधात्मक क्षमता होती है। यह ताकत किसी अन्य जानवर के दुग्ध में नहीं होती। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सभी क्षैत्रों में भागीरथी प्रयास कर विकास की गंगा बहा रहे है। इसी कड़ी में उन्होंने देशी गायों के संवर्धन हेतु गोपाल पुरूस्कार की शुरूआत की है, जो गौसंवर्धन के क्षैत्र में मील का पत्थर सावित होगी। श्री राठौर ने कहा कि हम सभी का नैतिक दायित्व है कि गौमाता की सेवा करें और देशी नस्लों को प्रोत्साहित कर उन्हें संरक्षित करें।
 
पशुपालन हमारे देश की प्राचीन सभ्यता रही है - श्री जैन 
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री जितेन्द्र जैन ने कहा कि पशुपालन हमारे देश की प्राचीन सभ्यता रहीं है। हमारे देश में वर्षो से गौपालन हो रहा है, लेकिन कुछ वर्षो से गौपालन में कमी देखने को मिल रही है। जो एक चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि गौमाता का हिन्दू समाज एवं संस्कृति में विशेष महत्व है। गौमाता में 64 करोड़ देवी-देवताओं का निवास होता है, जो हमारे लिए पूज्यनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गौवंश को बढ़ावा देने एवं संबर्धन हेतु गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। कार्यक्रम में विशेष अतिथियों के रूप में समाज सेवी श्री घनश्याम ंिसह चंदेल ने कहा कि आखेट युग के बाद गौपालन युग की शुरूआत हुई। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य गौपूजन एवं गोबर से ही होता है। जिसका अपना एक विशेष महत्व है। वैज्ञानिक शोधों से यह बात सामने आई है, कि गौमूत्र में विभिन्न बीमारियों से लडऩे की शक्ति है। इस कारण गौमूत्र का भी महत्व बढ़ रहा है और आयुर्वेदिक दवाओं में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

पशुधन के मामले में शिवपुरी प्रदेश में तीसरे स्थान पर
 
कार्यक्रम के शुरू में पशुपालन विभाग के उपसंचालक डॉ. रमेश श्रीवास्तव ने गौपालन पुरूस्कार प्रतियोगिता की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इस प्रतियोगिता में जिले की 43 देशी नस्ल की गाय शामिल हुईं। चयन समिति द्वारा इन गायों में से सर्वाधिक दुग्ध देने वाली 4 गायों का चयन किया गया। उन्होंने कहा कि जिले में 13 लाख पशुधन है, जो प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। जिले में प्रतिदिन 10 लाख लीटर दूध का उत्पादन गाय-भैंसों से हो रहा है। कार्यक्रम को डॉ. प्रकाश सिंह बघेल आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री जण्डेल सिंह गुर्जर, जिला पंचायत सदस्य श्री दिनेश लोधी, श्री नरोत्तम भार्गव, श्री रामप्रकाश धाकड़, भाजपा मण्डल महामंत्री श्री भरत अग्रवाल, जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरिओम नरवरिया, पशुपालन विभाग के अधिकारी, पशुपालक आदि उपस्थित थे।
 
प्रतियोगिता में सर्वाधिक दूध उत्पादन देने वाली देशी नस्ल की चार गायों को पुरूस्कार राशि प्रदाय की गई। जिसमें पटापर के पशुपालक विनोद सिंह गुर्जर की गाय द्वारा 7 लीटर 125 मिली लीटर दूध देने पर प्रथम पुरूस्कार के रूप में 50 हजार की राशि, कोलारस विकासखण्ड के गा्रम बापौर निवासी श्री राकेश रावत की गाय द्वारा 7 लीटर 118 मिली लीटर दूध देने पर द्वितीय पुरूस्कार के रूप में 25 हजार की राशि, कोलारस के तुडिय़ावत निवासी श्री बलवीर सिंह की गाय को तृतीय पुरूस्कार के रूप में 15 हजार की राशि और शिवपुरी के प्रेमचंद जैन की गाय द्वारा 5 लीटर दूध देने पर 1100 रूपये की राशि सांत्वना पुरूस्कार के रूप में प्रदाय की गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्वामी द्वारा किया गया।