फिर गायब हुए शिवपुरी आरटीओ!

शिवपुरी-शासकीय अधिकारियों में अपनी अलाली और लापरवाही के लिए माने जाने वाले शिवपुरी परिवहन अधिकारी अशोक निगम की कार्यप्रणाली में किसी प्रकार का कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा। जबकि अभी दो दिन पूर्व ही शिवपुरी आरटीओ की क्लास कमिश्नर ग्वालियर ने ली थी जहां इन्हें इनके कार्यों को सुधारने की भी सख्ती से हिदायत दी थी लेकिन समझाईश और फटकार का भी शिवपुरी आरटीओ पर कोई असर देखने को नहीं मिला।


यही कारण रहा कि आरटीओ ने शिवराज के सुशासन दिवस पर ली जाने वाली शपथ को भी भुला दिया और दो दिन कार्यालयीन समय में कार्यालय में उपस्थित रहकर महज औपचारिकता निभाते नजर आए। इनकी कार्यप्रणाली से आरटीओ संबंधी कार्य करने वाले एजेंटों ने इनका घोर विरोध किया और आरटीओ के विरूद्ध मोर्चा खेालते हुए हड़ताल शुरू कर दी जो अभी भी निरन्तर जारी है। शिवपुरी आरटीओ की अलाली का आलम यह है कि आए दिन शिवराज सरकार की योजनाओं को परिवहन अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे है। बीते कुछ दिनों से आरटीओ कार्यालय में चल रही समस्याओं को लेकर कांग्रेसियों ने भी मोर्चा खोलकर एडीएम को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की थी लेकिन  इस दौरान आयोजित सुशासन दिवस के अवसर पर ऐसा लगा कि अब आरटीओ महोदय अपने कार्यों में सुधार ला सकेंगे। अब फिर से आरटीओ में वही आलम स्थापित हो गया जो कि परिवहन अधिकारी अशोक निगम के कार्यकाल से होता आया है। जहां अब आरटीओ कार्यालय में इनके दर्शन को आवेदनकर्ता तरस गए है जिनकी समस्याऐं जस की तस बनी हुई है। 

शिवपुरी आटीओ की आए दिन मिल रही शिकायतों को लेकर गत दिनों पूर्व कमिश्नर ने भी गंभीरता से लिया और अपने चैम्बर में इनकी अच्छी खासी क्ला ले डाली परन्तु उस फटकार को भी परिवहन अधिकारी ने हवा में उड़ा दिया और अपनी तल्लीनता से मनमर्जी मुताबिक कार्यों को अंजाम देने में लगे है। अब एक बार फिर से इनके विरोध में नारे लगने शुरू हो जाऐं यह कोई नई बात नहीं होगी। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जिस प्रकार से एजेंट आरटीओ के विरूद्ध होकर हड़ताल पर चले गए है वैसे ही अब जनता भी इनके विरूद्ध कमर कसने को तैयार हो रही है। देखते है आने वाले समय में आरटीओ महोदय किसके कोप का भाजन बनते है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।