वर्ष 2012: कैसा रहेगा शिवपुरी का भविष्य

पंडित विकास दीप का दावा
शिवपुरी. शिवपुरी के ज्योतिषाचार्य पंडित विकास दीप का दावा है कि वर्ष 2012 शिवपुरी में राजनैतिक उथपुथल लायेगा, व्यापारिक कार्य क्षेत्र के लिए उन्नतिकारक रहेगा। पंडित विकास दीप ने शिवपुरी के स्थापना 1.1.1920 की आधार पर कुण्डली तैयार कर वर्ष 2012 का भविष्य फल तैयार किया है। ज्योतिषाचार्य का दावा है कि स्थापना के आधार पर शिवपुरी 89 वर्ष पूरे कर चुकी है। वर्ष 2012 में 90 वें वर्ष में शिवपुरी का प्रवेश रहेगा। पंडित जी के अनुसार शिवपुरी की जन्म राशि मेष है और प्रचलित नाम के कुंभ राशि बनती है जन्म राशि अनुसार आठ वे राहू का गोचर वर्ष 2012 में रहेगा और गुरू जन्म के होंगे। शनि और गुरू का द्रस्टी फल भी इस वर्ष शिवपुरी की कुंडली में बना रहेगा।


 
17.5.2012 से गुरू शनि का षाडष्टक योग भी बनेगा जो रोग्कारी और शत्रु भय देता है। उत्पादन के क्षेत्र में लाभ होगा। आर्थिक स्थयी में सुधार होगा। रक्षा विभाग, जल थल, और शक्ति कार्य में सुधार रहेगा। राष्ट्रीय पुलिस, समाजसेवी और संघटन संघ द्वारा रचनात्मक कार्य होंगे। शांति व्यवस्था उत्तम बनेगी। अनेतिक कार्य करने वालों में को दंड भी अधिक मिलेगा। 14.4.2013 से 21.6.2012 तक मंगल मार्गी हो जाने से हिंसक घटनाओं का डोर अधिक रहेगा। प्रशासन पर दबाब बना रहेगा। अग्किांण्ड, आग से जलना, बिजली की परेशानी और तूफानी हानी भी हो सकती है। इस वर्ष का राजा गुरू देव ब्रशपति जी है और शिवपुरी की कुंडली में गुरू उच्च का है अर्थात धर्म कार्य से और साधू संतों की कृपा से शहर में नवीन ज्योति का प्रकाश होगा। गुरू की कृपा से ही उन्नति के मार्ग मिल सकते हैं। मंत्री शुक्रदेव है जो अलंकार और सौंदार्यता के प्रतीक है। शहर में सुन्दरता के कार्य अधिक होंगे और नवीनीकरण भी अधिक हो जाएगा। गुरू शुक्र इस वर्ष के राजा और मंत्री है। गुरू न्रमे कामदम जलं महीतले, कमादुधाश्व धेनव,। यजन्ति विप्र: भाहो अग्निहोत्रिनो महोस्त्वो सेव्र्जनेशु वर्तते।

गुरू मेष राशि में हो तो:- 17.5.12तक गुरू का मेष राशि में गौचर होने से भय आनाव्स्टी,तथा पशु का नाश होता है: राजा से लाभ मिलता है 17.5.2012 में गुरू का गौचर दूसरे  भाव में आने पर कृषक को खेती में लाभ मिलता है। प्रज्ञा आरोग्य युक्त होती है। बालक और स्त्री को कस्ट भी मिलता है। धार्मिक कार्यो में बदोत्तरी होगी। साधु, संत ओर अच्छे कार्य करने वालों की विजय होगी। राहू का गोचर:- राहू का भ्रमण कुंडली में तीसरे भाव में होने से पराक्रम में वृद्धि पर्यटन में उन्नती, ओर पूंजी में निवेश होंगे। शिवपुरी की कुंडली में शनि की महादशा चल रही है। पंचमेश की दशा होने से उद्योग्सील, भाग्य वृद्धि घरों में बटवारा, या कलह, मुकदमे में विजय, शत्रुओं का नाश होता है। राज्य से बड़े कार्यो की पूर्ति होती है। 19.9.2011 से 19.4.2013 तक शनि में चन्द्र की अंतर्दशा है। चंद्रमा जल का स्वामी है और शिवपुरी के विकसा में जल संबंधी समस्या के लिए लाभ कारी सिद्ध होगा। यह समय परिश्रम पूर्वक उन्नति मार्ग प्रसस्त होंगे। लेकिन कार्य क्षेत्र में न्यूनाधिक सफलता मिलती है। आर्थिक ट्रस्टी से अच्छी स्तथी रहेगी। धन प्रचुर मात्र में आयेगा। लेकिन लाभ फल कम दिखेगा। शत्रु पक्ष प्रवाल बना रहेगा। अध्यात्मा क्षेत्र में प्रगति मार्ग मिलेंगे। 9.12.2011से 5.3.12 तक शनि चन्द्र में राहू का प्रत्यंतर रहेगा। इस दशा काल में बाद विवाद, परेशानी, विरोधी सक्रीय होंगे। राजनैतिक उथल-पुथल आएगी। विगत वर्ष के रूके कार्य पूर्ण होंगे। महत्वपूर्ण कार्यो की योजना बनेगी। भौतिक सुख संसाधनों की योजनाओं पर भी नवीन विचार आएगा। व्यापारिक कार्य क्षेत्र की उन्नति के लिए भी 2012 वर्ष उत्तम रहेगा। शनि-राहू दशा लोटरी, सट्टा या अनैतिक संसाधनों से भी धन योग बनता है।
 
शिवपुरी का मूलांकन :- 5 का अंक स्वामी बुद्ध है, बैंकिंग, वकालात, लेखन क्षेत्र बौद्धिक कार्य में कार्य करने वालों को लाभ नौकरी में योग बनेंगे। उच्चाधिकारी वर्ग को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। रोजगार के क्षेत्र में नई स्कीम बनेगी। जो तरक्की का मार्ग प्रसस्त करेगी। शिवपुरी का मूलांक 1 और भाग्यांक 5 है दोनों के स्वामी सूर्य और बुद्ध मित्र है।  सूर्य राजा का प्रतिनिधित्व करता है। 2012 में राजा के द्वारा कोई नवीन कार्य होगा जो शिवपुरी के हित में उन्नति कराएगा। 2012 नाम और धन दोनों के लिए हितकर है। सूर्य रोजगार प्रभाव का स्वामी है और बुद्ध धन संग्रह बाणी और ओज की झलक दिखाई देगी। जनवरी, मार्च, अप्रैल, अगस्त, सितम्बर माह में विशेष घटनाक्रम बनेगा। 2012 में शनि का गौचर सप्तम भाव में हो रहा है जो 15 दिसम्बर 2011 से आ गया है। शनि चंद्रकुंडली के दूसरे भाव में जब प्रवेश करता है तो खुशियों में कमी आ सकती है। बीमारी हो सकती है। यह धनहानि कराता है।