शिवपुरी 21 नवम्बर का. अपनी जन्मस्थली में दीक्षा लेने के 27 वर्ष बाद पहली बार चातुर्मास करने वाले संत चिदानंद विजयजी महाराज की प्रेरणा से शिवपुरी में तपस्या का अनूठा इतिहास रचा गया। 31 दिन तक चार लोगों ने उनसे प्रेरणा लेकर उपवास किया और 15, 11 एवं 8 उपवास की तपस्या करने वालों की तो झड़ी लग गई।
चार माह तक तपस्या करने वाले तपस्वियों का आज श्वेताम्बर जैन समाज ने संत चिदानंद विजयजी के सानिध्य में सम्मान समारोह का आयोजन किया। इस सम्मान समारोह की सबसे खास बात यह रही कि पंन्यास प्रवर संत चिदानंद विजयजी महाराज ने खुद निर्जला उपवास रख तपस्वियों की तपस्या की अनुमोदना की। यही नहीं उन्होंने तपस्या में प्रेरणा देने वालीं साध्वी पूर्ण प्रज्ञाश्री जी और साध्वी दिव्य प्रज्ञाश्री जी का कामली उड़ाकर बहुमान किया।
समारोह में मुम्बई से शांतिलाल जी राणावत, फतेहचंद जी राणावत के अलावा दिल्ली, आगरा, ग्वालियर, बारां, कोटा और राजस्थान के अनेक गुरुभक्त श्रावक समारोह में भाग लेने के लिए पधारे थे। इसमें धर्मावलंबी भगवान महावीर की जय, जैन धर्म की जय-जयकार, संत चिदानंद विजयजी अमर रहे के नारे जोरशोर से लगा रहे थे। स्थान-स्थान पर गुरुभक्तों ने संत चिदानंद विजयजी को कंधे पर बिठाकर नृत्य करते हुए उनके प्रति श्रद्धा की भावना को अभिव्यक्त किया। सबसे पहले अठ्ठम, गौतम लब्धि तप, समोशरण तप, वर्धमान तप का पाया तपस्या करने वाले तपस्वियों का श्वेताम्बर मूर्ति पूजक समाज के अध्यक्ष दशरथमल सांखला, सचिव धर्मेन्द्र गूगलिया, स्थानकवासी समाज के अध्यक्ष राजेश कोचेटा, सचिव हर्ष कोचेटा, चातुर्मास कमेटी के संयोजक तेजमल सांखला, मुकेश भांडावत, विजय पारख, प्रदीप काष्ठया, नैमराज जैन, गौतमराज धारीवाल, वीरेन्द्र सांड आदि ने स्वागत किया।
इस अवसर पर उज्जैन से पधारे शांतिलाल जी ने इन तपों के बारे में विस्तार से बताया और तपस्वियों की सराहना की। इसके बाद 8 और 11 उपवास की तपस्या करने वालों को सम्मानित किया गया। 15 उपवास की तपस्या करने वाले तपस्वियों में रीतेश गूगलिया, उनकी माँ शशि गूगलिया, सुरेन्द्र सांखला, पंकज भांडावत, श्रीमती मोनिका कोचेटा, श्रीमती इन्दू जैन, कु. सुरभि सांड और श्रीमती रितुलिगा शामिल हैं, लेकिन सर्वाधिक तालियों की गड़बड़ाहट के साथ मासखमण की तपस्या करने वाले तपस्वियों श्रीमती हेमा नाहटा, श्रीमती रेखा नाहटा, विपिन सांखला, श्रीमती मंजू सांखला और श्रीमती प्रीति चोपड़ा निवासी सुजालपुर का स्वागत और अभिनंदन किया गया।कार्यक्रम में जैन समाज द्वारा संत और साध्वी मंडल का कामली उड़ाकर अभिनंदन किया गया। आभार प्रदर्शन की रस्म तेजमल सांखला ने निर्वाह की।
चातुर्मास के चार माह के रंग की स्मारिका का हुआ विमोचन
आज के कार्यक्रम के दौरान मुनि चिदानंद के चातुर्मास में हुए कार्यक्रमों को यादगार के रूप में संजोये रखने के लिए एक स्मारिका चातुर्मास के चार माह के रंग का विमोचन भी किया गया। स्मारिका का संपादन कार्यक अभय कोचेटा ने किया। स्मारिका का विमोचन बाहर से पधारे शांतिलाल जी राणावत, मांगीलालजी नागेल, श्रीकिरणजी चांदरई एडवोकेट, मुनिश्री के सांसारिक पिता खजांचीलाल जैन, शिवपुरी मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष दशरथमल सांखला, संयोजक तेजमल सांखला आदि के द्वारा किया गया।
Social Plugin